100 बीघा सरकारी जमीन पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने मुसलमानों के लिए बसा दीं 12 अवैध कॉलोनियां, केएल मीणा का आरोप
100 बीघा सरकारी जमीन पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने मुसलमानों के लिए बसा दीं 12 अवैध कॉलोनियां, केएल मीणा का आरोप
जयपुर। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव फजल उर रहीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्री ने दावा किया है कि फजल उर रहीम ने आमेर क्षेत्र में मंदिर माफी, सिवायचक और पुलिस को आवंटित 1400 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है तथा विपक्षी राजनेताओं के साथ मिलकर संसद में प्रस्तुत वक्फ संशोधित बिल-2024 को लेकर देशभर में भ्रम फैला रहे हैं। जो व्यक्ति वक्फ, मंदिर, ट्रस्ट व जनजातियों की भूमि को बेचकर राष्ट्र विरोधी कार्यों में लिप्त है, वही व्यक्ति एक संगठित समूह बनाकर वक्फ बिल का विरोध कर रहा है।
किरोड़ीलाल मीणा ने इस मुद्दे पर कठोरता दिखाते हुए कहा कि मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और विशेष अभियान समूह (एसओजी) से करवाई जाएगी। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।
मंत्री मीणा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जयसिंहपुरा खोर पुलिस थाने में फजल उर रहीम और उनके सहयोगियों के विरुद्ध कई मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें जमीनों पर अवैध कब्जा भी सम्मिलित है। लेकिन कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और कोर्ट में दर्ज मामलों में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगाकर मामले को समाप्त कर दिया गया।
मीणा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे ऑर्डर के बाद भी फजल उर रहीम और उनके भाई जिया उर रहीम ने आमेर के किशनपुरा क्षेत्र में 100 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया और वहां मुसलमानों के लिए 12 अवैध कॉलोनियां बसा दीं।
मंत्री ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषियों को सजा की बात कही।
वक्फ बोर्ड द्वारा राजस्थान और अन्य राज्यों में भूमि पर अवैध कब्जे के कई उदाहरण सामने आए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रकरण इस प्रकार हैं:
1. जमिया हिदायत ट्रस्ट, जयपुर: राजस्थान में वक्फ बोर्ड से जुड़े ज़िया-उर-रहीम और फ़ज़ल-उर-रहीम पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमिया हिदायत ट्रस्ट की 18 से 20 बीघा जमीन अवैध रूप से बेच दी। इसके साथ ही, ये आरोप हैं कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकारी भूमि पर कब्जा करके अवैध कॉलोनियां बसा दीं।
2. केरल की व्यावसायिक राजधानी कोच्चि से दूर मुनंबम उपनगर में मछुआरों का एक खूबसूरत गांव है- चेराई। समुद्र तट के लगभग स्थित चेराई अपने बीच रिसॉर्ट्स के साथ आज पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। लेकिन इस गांव के लोग पलायन के डर में जी रहे हैं। गांव के लगभग 610 परिवारों ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन और संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है।
3. राष्ट्रीय स्तर पर वक्फ संपत्तियों का अवैध अतिक्रमण: 2020 तक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 6.1 लाख वक्फ संपत्तियों में से लगभग 2 लाख पर अवैध कब्जा किया गया है। हालांकि, ये अतिक्रमण केवल वक्फ बोर्ड द्वारा ही नहीं, बल्कि कई बाहरी व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा भी किया गया है।
4. पटना, बिहार के एक गांव गोविंदपुर में वक्फ बोर्ड ने हिन्दू गांव को अपना बताया और जब उच्च न्यायालय ने बोर्ड से कागज मांगे तो कहा कि नहीं हैं।
यहां प्रस्तुत मामले वक्फ संपत्तियों के अवैध उपयोग और अतिक्रमण के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई और जांच भी जारी है।