राजस्थान में नकली घी का कारोबार, कहीं यहॉं भी तो नहीं हो रहा भक्तों की आस्था से खिलवाड़
राजस्थान में नकली घी का कारोबार, कहीं यहॉं भी तो नहीं हो रहा भक्तों की आस्था से खिलवाड़
जयपुर। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसादम् लड्डू में गाय और सुअर की चर्बी तथा मछली का तेल मिलने के बाद राजस्थान में भी मंदिरों में लगने वाले भोग और सवामणी में काम आने वाले घी को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। लोगों को डर है कि कहीं राजस्थान में भी हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ तो नहीं हो रहा। राजस्थान में लगभग पांच दर्जन बड़े और हजारों की संख्या में छोटे मंदिर हैं, जहां प्रतिदिन भगवान को शुद्ध देशी घी से बना भोग लगाया जाता है। वहीं घरों में भी भगवान को भोग लगाने की परंपरा है। इसके अलावा प्रदेश के मंदिरों में प्रतिदिन सवामणी और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, इनमें भी देशी घी का उपयोग होता है। इन कार्यक्रमों में लाखों भक्त प्रसादी ग्रहण करते हैं।
हिन्दुओं की चिंता का कारण राजस्थान में आए दिन पकड़ा जा रहा नकली घी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह नकली घी सरकारी ब्रांड सरस घी के डिब्बों में बिक रहा है, जिस पर प्रदेश की जनता को सबसे अधिक विश्वास है। बाजार में बिक रहा नकली घी हमारी सेहत के लिए भी घातक है।
राजस्थान के लगभग सभी शहरों में नकली घी बनाने का काम होता है। नकली घी बनाने वाले शहर की कच्ची बस्ती में एक किराए का मकान लेकर वहां कारखाना लगाते हैं। इसके बाद नकली घी बनाने का खेल शुरू होता है। जयपुर में 27 अगस्त 2024 को नकली घी बनाते पकड़े गए मोहम्मद अनीस ने बताया कि वह वनस्पति तेलों में घी का एसेंस मिलाकर नकली देशी घी बनाता है। नामी कंपनियों के रैपर और कार्टन वह दिल्ली से छपवा कर लाता है। इन कार्टन और रैपर पर बैच नंबर और सीरीज नंबर भी प्रकाशित करवाता है ताकि ग्राहक को आसानी से नकली होने का पता न चले। एक अन्य जालसाज ने बताया कि एक किलो नकली देशी घी तैयार करने में लगभग आधा किलो चर्बी, 300 ग्राम रिफाइंड, 200 ग्राम असली देशी घी और एसेंस (देशी घी की सुगंध वाला केमिकल) मिलाया जाता है। इस प्रकार तैयार नकली देशी घी को ब्रांडेड कंपनियों (सरस, पारस, लोटस, कृष्णा आदि) के डिब्बों में पैक करके बाजार में बेचा जाता है। चर्बी से एक किलो नकली देशी घी बनाने में लगभग 10 रुपये की चर्बी, 70 रुपये का देशी घी, 15 रुपये का रिफाइंड खर्च होता है। एसेंस, पैकिंग, मजदूरी, भाड़ा आदि मिलाकर लगभग 135 से 150 रुपये प्रति किलो लागत आती है। नकली देशी घी का धंधा करने वाले लगभग 100 रुपये प्रति किलो लाभ पर इसे चुनिंदा थोक दुकानदारों के माध्यम से फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचाते हैं। इसके बाद यही घी घरों से लेकर मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद और सवामणी तक में उपयोग किया जाता है।
गली-मोहल्लों से लेकर डिपार्टमेंट स्टोर तक में बिक रहा नकली घी
– स्वास्थ्य विभाग के केंद्रीय दल और बीकानेर खाद्य सुरक्षा दल ने 12 सितंबर 2024 को जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए विश्वा ब्रांड के 4 हजार लीटर संदिग्ध नकली घी को सीज किया है। यह कार्रवाई फड़ बाजार में जगदंबा स्टोर नाम से संचालित दुकान के चोखुंटी पुलिया के पास कमला कॉलोनी की गली नंबर 14 में स्थित गोदाम पर की गई।
– कोटा में 2 सितंबर 2024 को नकली घी का काला कारोबार पकड़ा गया है। पुलिस ने सोयाबीन और वनस्पति घी से बना नकली घी जब्त किया है, जिसे पारस और सरस जैसे बड़े ब्रांड के नाम पर बेचा जा रहा था। महावीर नगर थाना पुलिस ने छापा मारा तो वहां तीन कमरों में नकली घी बनाने का कारखाना चल रहा था
– फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम ने 27 अगस्त 2024 को जयपुर में एक फैक्ट्री पर छापा मारकर 1 हजार किलो नकली घी जब्त किया है। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के एडिशनल कमिश्नर पंकज ओझा ने बताया कि जयसिंहपुरा खोर स्थित अफजल विहार कॉलोनी के एक मकान में छापा मारा। यहां मोहम्मद अनीस नामक व्यक्ति भट्टियां लगाकर वनस्पति तेलों में घी का एसेंस मिलाकर नकली देसी घी बनाते हुए पकड़ा गया। यहां सरकारी ब्रांड सरस, लोटस, महान और कृष्णा के नाम के डिब्बों में पैक करके सप्लाई किया जा रहा था। मोहम्मद अनीस ने बताया कि वह लंबे समय से नकली घी बनाने का कार्य कर रहा है और दुकानों में घी सप्लाई करता है।
– जयपुर स्थित स्थित डी-मार्ट और आई-पर-मार्ट के आउटलेट्स पर खाद्य विभाग की टीम ने 27 जून 2024 को कार्रवाई की, तो वहॉं बड़ी मात्रा में नकली सरस घी मिला।
– खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय की टीम ने 11 मई 2024 को कोटा के राणपुर क्षेत्र में नकली घी बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा और 6,700 लीटर से अधिक मिलावटी घी जब्त किया। अधिकारियों ने बताया कि यह नकली घी कृष्णा और बालगोपाल के ब्रांड से बाजार में चार सौ रुपए लीटर बेचा जा रहा था। लगभग 24 लाख रुपए का सामान जब्त कर सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।