एक देश एक पाठ्यक्रम: पुष्करणा

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  • तीन दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक अयोध्या में संपन्न

जयपुर, 19 जून। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या में आयोजित क्लस्टर स्तर पर ABRSM के विस्तार और मजबूती पर केंद्रित तीन दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक संपन्न हुई। महेंद्र कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने समापन समारोह की अध्यक्षता की। समापन समारोह में स्कूल और उच्च शिक्षा क्षेत्रों के शिक्षकों ने भाग लिया और शिक्षकों से संबंधित विभिन्न समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा की।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख और मुख्य वक्ता सुनील भाई मेहता ने कहा कि शिक्षक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। मेहता ने ABRSM को क्लस्टर स्तर पर विस्तार और मजबूत करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “क्लस्टर स्तर पर कार्य के माध्यम से, हम यूनिट स्तर के कार्य, अर्थात् स्कूलों तक पहुंचने में सक्षम होंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमें व्यापक योजना की आवश्यकता है, जिसे हमें पूरी लगन से करना होगा।”

बैठक में प्रदेश की ओर से राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने शिक्षक कल्याण के विषय को उठाते हुए कई सुझाव दिए, जिनमें प्रमुख रूप से केंद्र सहित सभी राज्यों में शिक्षक कल्याण बोर्ड का गठन करने, शिक्षकों के सम्मान के लिए शिक्षक को टोल टैक्स फ्री सुविधा उपलब्ध कराने, परिवहन के सभी भागों में शिक्षक के लिए सीट आरक्षण, आठवें वेतन आयोग के गठन में शिक्षक हित के सुझाव रखने, सातवें वेतन आयोग में डीए 50 प्रतिशत होने पर मूल वेतन में मर्ज करने, एक समान व स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाने, आयकर सीमा बढ़ाकर 10 लाख तक आयकर मुक्त और सेक्शन 80C में मिलने 150000 की सीमा बढ़ाने, पूरे देश में ओपीएस लागू करने, केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के बच्चों के लिए आरक्षण देने, सभी राज्यों में शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त कराने, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी संसाधनों के लिए बजट भारत सरकार से उपलब्ध कराने, सभी राज्यों में समान पाठ्यक्रम के लिए एनसीआरटी को अनिवार्य बनाए जाने की मांग रखते हुए केंद्रीय कार्यकारिणी से इन मांगों और सुझावों को केंद्र सरकार के स्तर पर उठाने का अनुरोध किया।

बैठक में “मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ” पहल पर विशेष रूप से चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य विद्यालयों को छात्रों, शिक्षकों और समाज के लिए ऊर्जा के स्रोत के रूप में बदलना है। इस पहल का उद्देश्य शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाना है, जिससे यह सामुदायिक विकास और छात्र सशक्तिकरण का केंद्र बिंदु बन सके।

बैठक में राजस्थान से घनश्याम (क्षेत्रीय संगठन मंत्री एबीआरएसएम) और प्रदेश संगठन मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय, मोहन पुरोहित, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, एबीआरएसएम, महेंद्र कुमार लखारा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय, रवि आचार्य, अतिरिक्त महामंत्री, डॉ. अरुणा शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष, बसंत जिंदल, प्रदेश उपाध्यक्ष, सह संगठन मंत्री जयराम जाट और पूर्णमल नागर ने भाग लिया।

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2 thoughts on “एक देश एक पाठ्यक्रम: पुष्करणा

  1. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षक लोग छात्रों में संस्कार अथवा जीवन मूल्य देने में नितांत असफल रहे हैं और केवल अपनी सुख सुविधा तथा वेतन वृद्धि के लिए ही संघर्ष करने की बात करते हैं। आज समाज की दयनीय स्थिति बन गई है, जहां स्वार्थ, नैतिक पतन, अनुशासनहीनता सभी ओर दिखाई देती है, मेरे विचार में इसके लिए बङी मात्रा में शिक्षक वर्ग ही जिम्मेदार है।

  2. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षक लोग छात्रों में संस्कार अथवा जीवन मूल्य देने में नितांत असफल रहे हैं और केवल अपनी सुख सुविधा तथा वेतन वृद्धि के लिए ही संघर्ष करने की बात करते हैं। आज समाज की दयनीय स्थिति बन गई है, जहां स्वार्थ, नैतिक पतन, अनुशासनहीनता सभी ओर दिखाई देती है, मेरे विचार में इसके लिए बङी मात्रा में शिक्षक वर्ग ही जिम्मेदार है।

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