बतूल बेगम राजस्थान की नौवीं महिला, जिन्हें मिलेगा पद्मश्री

बतूल बेगम राजस्थान की नौवीं महिला, जिन्हें मिलेगा पद्मश्री

बतूल बेगम राजस्थान की नौवीं महिला, जिन्हें मिलेगा पद्मश्रीबतूल बेगम राजस्थान की नौवीं महिला, जिन्हें मिलेगा पद्मश्री

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा हुई। इस बार पद्मश्री के लिए राजस्थान से तीन विभूतियों- मांड गायिका बतूल बेगम, शायर शीन काफ निजाम (शिव किशन बिस्सा) और संत बैजनाथ महाराज का चयन हुआ है।

मिरासी समुदाय से आने वाली बतूल बेगम राजस्थान की नौवीं महिला हैं, जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बतूल बेगम को भजनों की बेगम के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने राजस्थान की मांड गायन शैली को दुनिया भर में पहचान दिलायी है। वे अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के साथ ही फ्रांस में आयोजित ओलंपिक के दौरान भी अपनी मांड गायिकी का जादू बिखेर चुकी हैं। इसके अतिरिक्त वे ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, स्विटजरलैंड, अमेरिका और ट्यूनीशिया आदि 55 से अधिक देशों में प्रस्तुतियां दे चुकी हैं। 2022 में उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार, वर्ष 2021 में GOPIO अचीवर्स अवॉर्ड- 2021, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

बतूल बेगम मूल रूप से डीडवाना जिले के केराप गांव की रहने वाली हैं। वर्तमान में वे जयपुर के विद्याधर नगर में अपने परिवार के साथ रहती हैं। उन्होंने 7-8 वर्ष की आयु से ही गाना शुरू कर दिया था। वह बताती हैं, “जब मैं 8 वर्ष की थी और स्कूल जाया करती थी। तब रास्ते में एक मंदिर पड़ता था। वहां पर मेरी सभी सहेलियां भजन गाया करती थीं। वहीं से मेरी मांड गायिकी शुरू हुई। 16 वर्ष की थी, जब निकाह हो गया। निकाह के बाद परिवार ने पूरा साथ दिया।” वह कहती हैं, “कई देशों में मांड और भजन गाए। लेकिन प्रधानमंत्री जी से मिलना और दरबार हॉल में जाना विशेष अनुभव था।” अच्छी बात यह है कि उनके पोते-पोती उनसे प्रेरणा लेकर संगीत सीख रहे हैं और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं।

राजस्थान की अन्य महिलाएं, जिन्हें मिल चुका है पद्मश्री
1. डॉ. माया टंडन (पद्मश्री 2024), समाज सेवा

2. अवनी लेखरा (पद्मश्री 2022), खेल

3. गुलाबो सपेरा (पद्मश्री 2016), कला

4. कृष्णा पूनिया (पद्मश्री 2011), खेल

5. लक्ष्मी कुमारी चूंडावत (पद्मश्री 1984), साहित्य एवं शिक्षा

6. हज्जन अल्लाह जिलाई बाई (पद्मश्री 1982), कला

7. रतन शास्त्री (पद्म भूषण 1975 और पद्मश्री 1955), समाज सेवा, शिक्षा एवं साहित्य

8. रत्ना फैब्री (पद्मश्री 1970), कला
इनमें रतन शास्त्री एकमात्र ऐसी महिला हैं, जो पद्मश्री और पद्म भूषण दोनों से सम्मानित हो चुकी हैं।

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