राजस्थान की विभूतियां, जिन्हें मिलेगा 2024 का पद्मश्री सम्मान

राजस्थान की विभूतियां, जिन्हें मिलेगा 2024 का पद्मश्री सम्मान

राजस्थान की विभूतियां, जिन्हें मिलेगा 2024 का पद्मश्री सम्मानराजस्थान की विभूतियां, जिन्हें मिलेगा 2024 का पद्मश्री सम्मान

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हमेशा की तरह पद्म पुरस्कारों की घोषणा हुई। पद्मश्री के लिए चयनित 110 नामों में से पांच नाम राजस्थान से हैं। इनमें भीलवाड़ा के जानकी लाल, जयपुर के पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग, बीकानेर के दो भाई अली मोहम्मद, गनी मोहम्मद और जयपुर की ही माया टंडन के नाम शामिल हैं।

कौन हैं जानकी लाल?

भीलवाड़ा शहर के जानकी लाल को लोग बहुरूपिया बाबा के नाम से जानते हैं। 81 वर्षीय जानकी लाल को बहुरूपिया कला की महारत है। वह वैश्विक दर्शकों को इस लुप्त होती कला शैली से 60 वर्षों से भी अधिक समय से बांधे हुए हैं।

यह कला जानकी लाल को विरासत में मिली है। उनसे पहले की तीन पीढ़ियां भी इस कला में पारंगत थीं। जानकी लाल ने चौथी पीढ़ी में भी इसको कायम रखा। बहुरूपिया कला यानि विभिन्न रूप धरने की कला। इस कला के अंतर्गत पारम्परिक तौर पर पौराणिक और लोक कथाओं के पात्रों के रूप धरे जाते हैं। जानकी लाल ने राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में इस स्थानीय कला को बढ़ावा देने में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

जानकी लाल ने ग्लासगो, बर्लिन, न्यू कैसल, लंदन, न्यूयॉर्क, दुबई, मेलबोर्न में भी अपनी कला की प्रस्तुतियां दी हैं। वे होली अन्य त्योहारों पर शहर में अपनी कला से लोगों का मनोरंजन करते रहे हैं। विदेशों में उन्हें मंकी मैन के नाम से जाना जाता है।

भीलवाड़ा संगीत कला केंद्र की ओर से उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिल चुका है। बहुरूपिया कला स्वांग या भांड कला के रूप में भी जानी जाती है।

जानकी लाल अक्सर गाडोलिया लुहार, कालबेलिया, काबुली पठान, राजा, नारद, भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती, साधु, दूल्हा, दुल्हन के रूप में लोगों के बीच प्रकट होकर उनका मनोरंजन करते हैं। दिल्ली में उन्होंने एक महीने तक मंकी मैन का किरदार निभाया था।

ध्रुवपद गायकी के विद्वान लक्ष्मण भट्ट तैलंग को भी पद्मश्री

जयपुर के 93 वर्षीय पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग ध्रुवपद गायकी में बड़ा नाम हैं। उन्हें ध्रुपद गायकी का संत साधक भी कहा जाता है। उन्होंने गायन की नयी शैलीपचरंगरची है।

अली मोहम्मदगनी मोहम्मद मांड गायक हैं। इन्हें संयुक्त रूप से पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।

माया टंडन सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता हैं। वे जयपुर के जेके लोन अस्पताल की पूर्व अधीक्षक हैं और रिटायर होने के बाद 1995 से सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का जीवन बचाने का काम कर रही हैं।

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