पंच परिवर्तन के विषयों को व्यक्तिगत जीवन में आचरण में लाते हुए समाज तक लेकर जाएं- शांताकुमारी
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पंच परिवर्तन के विषयों को व्यक्तिगत जीवन में आचरण में लाते हुए समाज तक लेकर जाएं- शांताकुमारी
गुवाहाटी, 24 फरवरी। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी.शांताकुमारी ने रविवार को कहा कि विश्वहित की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली आचरण का विषय है, इसलिए हम सभी को अपने जीवन में उसका आविर्भाव करना चाहिए। वे गुवाहाटी में अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की द्वितीय अर्धवार्षिक बैठक के तीन दिवसीय समापन सत्र को संबोधित कर रही थीं। राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की बैठक में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भगवत ने भी देशभर से आयी हुई कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया।
शांताकुमारी ने कहा कि हमारे राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए पंच परिवर्तन के विषयों को (स्वबोध, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण और नागरिक कर्तव्य) व्यक्तिगत जीवन में अपने आचरण में लाते हुए समाज तक लेकर जाना होगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रांतों का अपने कार्य की स्थिति का स्व विश्लेषण एक ऐसा ढांचा है, जो आंतरिक और बाहरी शक्तियों का आकलन करने और समझने में सहायता करता है, जो किसी संगठन के लिए अवसर या जोखिम पैदा कर सकती हैं।
आईआईटी गुवाहाटी परिसर में बीते शनिवार से चल रही इस बैठक के समापन में प्रमुख कार्यवाहिका ए सीता ने बैठक में वर्तमान कार्य स्थिति, संपन्न किये गए विशेष कार्यक्रमों और आगे किए जाने वाले कार्यों की योजना का ब्यौरा दिया।
कार्यवृत्त
देशभर के सभी 12 क्षेत्रों और 38 प्रांतों में समिति की 4125 शाखाएं कार्यरत हैं। देशभर के कुल 1042 जिलों में से 834 जिलों में समिति कार्य है। समिति की सेविकाओं द्वारा देशभर में 1799 सेवा कार्य चल रहे हैं। इन कार्यक्रमों में वृक्षारोपण, नदी स्वच्छता, मंदिर स्वच्छता अभियान, रुग्णालय, शाळा, बस्ती गृह से संपर्क और जिला स्तर पर छोटे बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों का समावेश रहता है। लोकमाता अहिल्याबाई होळकर त्रिशताब्दी जन्मोत्सव निमित्त राष्ट्र सेविका समिति ने संपूर्ण भारत वर्ष में 2405 स्थानों पर 3850 कार्यक्रमों के माध्यम से 4,74,801 नागरिकों तक पहुंचकर लोकमाता के कार्यों व कर्तृत्व का परिचय कराने का प्रयास किया गया। संत मीराबाई की 550वीं जयंती और गुरु तेगबहादुर की 350वीं पुण्यतिथि निमित्त भी बड़े पैमाने पर जनजागृति के उद्देश्य से कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
बैठक में 34 प्रांतों की 107 प्रतिनिधियों की उपस्थित रही।
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