PFI का विजन 2047 डॉक्यूमेंट : सामने आए खतरनाक इरादे
PFI का विजन 2047 डॉक्यूमेंट : सामने आए खतरनाक इरादे
पटना के फुलवारी शरीफ में एक छापे में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पास से इंडिया विजन 2047 नाम का 7 पन्नों का डॉक्यूमेंट जब्त किया है। इससे पीएफआई के खतरनाक इरादों का खुलासा हुआ है। अभी तक जब–जब भी देश और हिन्दू विरोधी गतिविधियों में पीएफआई का नाम सामने आया है, लिबरल गिरोह हमेशा उसके बचाव में उतरा है। लेकिन इस बार पीएफआई का विजन 2047 (एक लिखित दस्तावेज जिस पर इंटरनल डॉक्यूमेंट नॉट फॉर सर्कुलेशन लिखा है) सामने आने के बाद हो सकता है, इस गिरोह के कुछ लोगों की आंखें खुलें। देश में सौहार्द बनाए रखने की इकतरफा जिम्मेदारी हिन्दुओं के कंधों पर डालकर पीएफआई एक सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत मुसलमानों को न केवल भड़का रहा है बल्कि उन्हें मार्शल आर्ट के नाम पर हिंसा करने की ट्रेनिंग भी दे रहा है। उसका इरादा 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना है।
क्या कहता है डॉक्यूमेंट?
सात पन्नों के इस डॉक्यूमेंट में साल 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन कैसे लाया जा सकता है, इसकी पूरी योजना बताई गई है। इसमें लिखा है कि एक समय में भारत पर मुसलमानों का शासन था। आज भी इंडोनेशिया के बाद सबसे अधिक मुसलमान भारत में रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद भारत में मुसलमानों की स्थिति अच्छी नहीं है। भारत में इस्लामिक शासन लाने के लिए मुस्लिम समुदाय का बहुसंख्यक होना जरूरी नहीं है। यदि PFI के साथ भारत के 10 प्रतिशत मुसलमान भी जुड़ गए तो ये लोग कायर हिंदुओं को दोबारा घुटने पर लाकर इस्लाम कबूल करवा देंगे।
क्या है योजना?
इस खतरनाक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस दस्तावेज में चार चरण बताए गए हैं। पहले चरण में भारत के मुसलमानों को बार बार याद दिलाया जाएगा कि इस देश में उनके साथ अन्याय हो रहा है।जिन क्षेत्रों में मुसलमान शांति से रह रहे हैं, वहां भी यह वातावरण बनाया जाएगा कि वे खतरे में हैं। साथ ही इस चरण में देश के मुसलमानों को यह समझाया जाएगा कि वे भारतीय होने से पहले मुसलमान हैं और इस्लाम के रक्षक हैं। इस चरण में उन्हें तलवार और दूसरे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
दूसरे चरण में सीमित हिंसा के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन की बात कही गई है। इस चरण में ऐसी हिंसा से गैर मुसलमानों में डर पैदा किया जाएगा। और जब यह सब हो रहा होगा, तब PFI संविधान, लोकतंत्र और डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों की बात करेगा, ताकि उसकी असलियत किसी के सामने ना आए। यानि जब मुसलमान गैर मुसलमानों के गले काट रहे होंगे तब पीएफआई शांतिदूत बनकर संविधान की दुहाई देगा।
तीसरे चरण में अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़ी जातियों को गुमराह करके उनके साथ गठबन्धन किया जाएगा ताकि इन समुदायों की आपस में और हिन्दू संगठनों के साथ भी दूरियां पैदा हों। इसके लिए अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कम से कम 10 प्रतिशत लोगों को मुसलमानों के साथ लाने का लक्ष्य रखा गया है। संगठन का मानना है कि इससे मुहिम का असर व्यापक होगा।
चौथे यानि अंतिम चरण में PFI के लोग मुसलमानों और अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधि बन जाएंगे और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लेंगे। इसके बाद देश की सेना, पुलिस और न्यायपालिका में PFI के वफादार सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा। इसमें आगे लिखा है कि जब PFI के पास पर्याप्त शक्ति आ जाएगी तो वह इस्लामिक सिद्धांतों के आधार पर भारत में नया संविधान लागू कर देगा यानि भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदल देगा।
पुलिस का कहना है ये दस्तावेज PFI द्वारा ही प्रकाशित किए गए हैं।
कौन हुए गिरफ्तार?
पटना पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें एक झारखंड पुलिस का सेवानिवृत दारोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सक्रिय सदस्य रह चुका अतहर परवेज है। अतहर आतंकवाद के आरोपियों की जमानत लेता था। उसका भाई मंजर परवेज 2001 बम ब्लास्ट केस में जेल जा चुका है। अतहर भी एक केस में आरोपी है।
क्या है PFI?
पीएफआई एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है। जिसकी स्थापना वर्ष 2006 में केरल में हुई थी। कहने को तो यह स्वयं को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने वाला संगठन बताता है। लेकिन वास्तव में यह वही संगठन है, जिसका नाम दिल्ली में दंगे भड़काने, शाहीन बाग आन्दोलन को फंडिंग करने, केरल में राजनीतिक हत्याओं की योजना बनाने और जबरन कन्वर्जन के मामलों में सामने आ चुका है। इसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का ही नया वर्जन कहा जाता है।
पीएफआई ने राजस्थान में कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी, कर्नाटक में फोरम फॉर डिग्निटी, तमिलनाडु में मनिथा नीति पासराई, गोवा में सिटिजन्स फोरम, आंध्र प्रदेश में एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस समेत कई संगठनों के साथ मिलकर अनेक राज्यों में अपनी पैठ बना ली है।
इसे विदेशों से मिलती है अपार फंडिंग
पिछले महीने ED ने PFI से संबंधित 22 Bank Accounts को फ्रीज कर दिया था, जिनमें 60 करोड़ से अधिक की राशि जमा हुई थी। इसके तार इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार आतंकवादी संगठन से भी जुड़े बताए जाते हैं।