प्रेरणा विमर्श 2024: पञ्च परिवर्तन से राष्ट्र निर्माण का वैचारिक महाकुम्भ 22 नवम्बर से
प्रेरणा विमर्श 2024: पञ्च परिवर्तन से राष्ट्र निर्माण का वैचारिक महाकुम्भ 22 नवम्बर से
नोएडा। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी प्रेरणा शोध संस्थान द्वारा प्रेरणा विमर्श 2024 का आयोजन आगामी 22, 23, और 24 नवंबर को सरस्वती शिशु मंदिर, सेक्टर 12, नोएडा में होने जा रहा है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरक विचारों और संवाद का एक विशेष मंच है जो कुछ वर्षों से देश भर के तमाम विचारकों, विद्वानों एवं विविध मीडिया आयामों के एक महाकुम्भ के रूप में उभर रहा है। इस वर्ष इस कार्यक्रम का उद्देश्य पञ्च परिवर्तन यानि पर्यावरण, परिवार, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और स्व बोध के महत्व पर विचार-विमर्श करना और समाज को नई दिशा देना है।
22 नवंबर को कार्यक्रम की शुरुआत नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ के साथ होगी। यह विशेष सत्र नारी शक्ति के महत्व और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को समर्पित होगा। यह आयोजन हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को नमन करने का अवसर प्रदान करेगा।
23 नवंबर को तीन प्रेरक सत्र आयोजित किए जाएंगे। पहला सत्र पर्यावरण पर केंद्रित होगा, जिसमें विषय “माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः” पर चर्चा होगी। इस सत्र में प्रो. उषा मीना (जेएनयू) मुख्य वक्ता होंगी, और पद्मश्री उमा शंकर पांडेय (पर्यावरणविद्) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। दूसरा सत्र कुटुंब प्रबोधन पर आधारित होगा, जिसका विषय “परिवार हमारा आधार” होगा। इसमें वरुण गुलाटी (अखिल भारतीय कुटुंब प्रबोधन गतिविधि) मुख्य वक्ता होंगे, और सूर्य प्रकाश टोंक (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुख्य अतिथि होंगे। तीसरा सत्र सामाजिक समरसता पर केंद्रित रहेगा। विषय “संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्” पर विजय सोनकर शास्त्री
(लेखक और विचारक) मुख्य वक्ता होंगे, जबकि मंजुल पालीवाल (सामाजिक कार्यकर्ता) मुख्य अतिथि होंगे।
24 नवंबर को भी तीन महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे। पहला सत्र स्व पर आधारित होगा, जिसका विषय “स्वधर्मे निधनं श्रेयः” होगा। इसमें मुकुल कानिटकर (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुख्य वक्ता होंगे, और कश्मीरी लाल (स्वदेशी जागरण मंच) मुख्य अतिथि होंगे। दूसरा सत्र नागरिक कर्तव्य पर केंद्रित रहेगा। विषय “अधिकार से पूर्व कर्तव्य” पर चर्चा करेंगे बृजलाल (राज्यसभा सदस्य और पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश) और मुख्य अतिथि शशिबाला (भारतीय विद्या भवन) होंगी।
समापन सत्र में विषय “पंच परिवर्तन से राष्ट्र निर्माण” पर संवाद होगा। इस सत्र में सुनील आंबेकर (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुख्य वक्ता होंगे, जबकि डॉ. चिन्मय पंड्या (देव संस्कृति विश्वविद्यालय) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।