पुरी में रथयात्रा के दौरान 15 सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने सेवा कार्यों में सहभागिता की

पुरी में रथयात्रा के दौरान 15 सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने सेवा कार्यों में सहभागिता की

पुरी में रथयात्रा के दौरान 15 सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने सेवा कार्यों में सहभागिता कीपुरी में रथयात्रा के दौरान 15 सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने सेवा कार्यों में सहभागिता की

पुरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेरित उत्कल बिपन्न सहायता समिति की ओर से विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा के दौरान स्वयंसेवकों ने 10 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करवाईं। महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान 1500 से अधिक स्वयंसेवक सेवाकार्य में लगे हुए थे।

स्वयंसेवकों ने भीड़ में घायलों और बेहोश श्रद्धालुओं को अस्पताल पहुंचाने हेतु एम्बुलेंस के लिए 500 मीटर एम्बुलेंस कॉरिडर का निर्माण किया, ताकि मरीजों को भीड़ में से एंबुलेंस तक आसानी से पहुंचाया जा सके।

प्राथमिक चिकित्सा में 8 डॉक्टर, 2 फार्मासिस्ट, 2 सहायक, 2 एम्बुलेंस सेवाओं में 40 स्वयंसेवक, 9 अलग अलग स्ट्रेचर सेवाओं में 36 स्वयंसेवक, 10 स्थानों पर पेयजल वितरण के लिए 60 स्वयंसेवक, 5 स्थानों पर भ्राम्यमाण पेयजल वितरण के लिए 20 स्वयंसेवक, 14 मशीनों के माध्यम से पानी की फुहार के लिए 42 स्वयंसेवक, अस्पताल में 350 मरीजों की मदद के लिए 25 स्वयंसेवक, 10 स्वच्छता समूहों के माध्यम से 150 स्वयंसेवक, भोजन वितरण के लिए 60 स्वयंसेवक और एम्बुलेंस कॉरिडोर के लिए 1059 स्वयंसेवक लगे थे।

7 और 8 जुलाई को दो दिन तक स्वयंसेवकों ने सुबह से शाम तक लगातार सेवा कार्य में सहभागिता की। वर्ष 2005 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रशासन के साथ मिलकर सेवा कार्य कर रहे हैं। इन 10 प्रकार की सेवाओं में से प्राथमिक चिकित्सा 9 दिनों की लंबी अवधि के लिए की जा रही है। 06 जुलाई की शाम स्थानीय सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर, घोड़ा बाजार में संघ के पदाधिकारियों ने सभी स्वयंसेवकों को सेवा के महत्व को 10 भागों में समझाया। 7 जुलाई को सुबह 7 बजे गुंडिचा मंदिर के पास सेवा के उद्घाटन के बाद रथयात्रा में सेवा प्रदान की गई।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *