राम मंदिर निर्माण कार्य लगभग पूर्ण, जून तक समापन की संभावना

राम मंदिर निर्माण कार्य लगभग पूर्ण, जून तक समापन की संभावना

राम मंदिर निर्माण कार्य लगभग पूर्ण, जून तक समापन की संभावनाराम मंदिर निर्माण कार्य लगभग पूर्ण, जून तक समापन की संभावना

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण लगभग 96 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। आगामी जून तक इसे संपूर्ण रूप से तैयार कर दिया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में कुल 12 ट्रस्टियों ने भाग लिया, जिनमें से चार ऑनलाइन जुड़े, जबकि दो शासकीय कार्यों के कारण अनुपस्थित रहे। ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के देहावसान पर शोक व्यक्त किया गया और उनके साथ-साथ राम मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर बैठक में समीक्षा की गई, जिसमें आगामी योजनाओं पर भी चर्चा हुई।

राम मंदिर के अतिरिक्त, अयोध्या में अन्य प्रमुख मंदिरों का निर्माण कार्य भी तेज़ी से चल रहा है, जिनमें सप्तर्षि,शेषावतार और संत तुलसीदास के मंदिर शामिल हैं।

सप्तर्षि मंदिर का भी 96% कार्य पूरा हो चुका है। इसे मई तक संपूर्ण रूप से तैयार कर लिया जाएगा। शेषावतार मंदिर का 40% निर्माण कार्य पूरा हुआ है। आगामी महीनों में इसे गति दी जाएगी। संत तुलसीदास मंदिर का निर्माण पूर्ण हो चुका है, और प्रतिमा की स्थापना भी कर दी गई है।

प्रतिमा स्थापना और लोकार्पण की तिथियां

रामनवमी के दिन मानस जयंती के अवसर पर संत तुलसीदास मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा, जिसके बाद श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर अन्य मंदिरों में मूर्ति स्थापना करने की योजना बनाई गई है।

ट्रस्ट की बैठक और वित्तीय जानकारी

रविवार को हुई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भविष्य की योजनाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ। बैठक के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय एवं ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ट्रस्ट के गठन से लेकर अब तक के पांच वर्षों में ट्रस्ट ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों को कुल 396 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह राशि विभिन्न मदों में दी गई है, जिनमें जीएसटी (GST), टीडीएस (TDS), रॉयल्टी (Royalty), भूमि क्रय की स्टांप ड्यूटी तथा अन्य प्रशासनिक शुल्क शामिल हैं। वहीं बैठक में राय दी गई कि रामलला को भक्तों द्वारा समर्पित 944 किलो चांदी को टकसाल में गलवाकर सिल्लियों का रूप दिया जाए और फिर उसे सुरक्षित रूप से बैंक लॉकर में रखा जाए। इसके अतिरिक्त, बैठक में अन्न क्षेत्र प्रारंभ करने पर भी सहमति बनी, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

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