सबको अयोध्या चलना है
श्रीरघुवर जी की अवधपुरी में, प्राण प्रतिष्ठा होना है।
निमंत्रण को स्वीकार करो, अब सबको अयोध्या चलना है।
जय बजरंगी जय हनुमान,
वन्दे मातरम् जय श्री राम ।
श्रीराम जय राम जय जय राम।
वन्दे मातरम् जय श्री राम॥
श्री रघुवर जी की अवधपुरी में, प्राण प्रतिष्ठा होना है।
निमंत्रण को स्वीकार करो-अब सबको अयोध्या चलना है।
जय बजरंगी जय हनुमान,
वन्दे मातरम् जय श्री राम।
इस मन्दिर को पाने हेतु, बार बार संघर्ष हुआ।
रामभक्तों के बलिदानों से, मन्दिर बनकर खड़ा हुआ।
अब मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा, धूम-धाम से होना है।
निमंत्रण को स्वीकार करो, अब सबको अयोध्या चलना है।
जय बजरंगी जय हनुमान,
वन्दे मातरम् जय श्री राम।
श्रीराम जय राम जय जय राम।
वन्दे मातरम् जय श्री राम॥
पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी को, प्राण प्रतिष्ठा होना है,
मन्दिर में कीर्तन भजन हों, घर-घर दिया जलाना है।
मन्दिर भव्य बनाकर हमने, अपना वचन निभाया है।
निमंत्रण को स्वीकार करो,
अब सबको अयोध्या चलना है।
जय बजरंगी जय हनुमान,
वन्दे मातरम् जय श्री राम।
श्री राम जय राम जय जय राम।
वन्दे मातरम् जय श्री राम॥
श्री रघुवर जी की अवधपुरी में, प्राण प्रतिष्ठा होना है।
निमंत्रण को स्वीकार करो-अब सबको अयोध्या चलना है।
जय बजरंगी जय हनुमान,
वन्दे मातरम् जय श्री राम।
गाँव-गाँव के मन्दिर मठ में, सबको एकत्रित करना है
श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा, जन जन को दिखलाना है,
श्रीराम की प्रथम आरती, मिलकर सबको गाना है।
निमंत्रण को स्वीकार करो,
अब सबको अयोध्या चलना है।
जय बजरंगी जय हनुमान,
वन्दे मातरम् जय श्री राम।
श्री राम जय राम जय जय राम।
वन्दे मातरम् जय श्री राम॥