संघ राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है- होसबाले
संघ राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है- होसबाले
जैसलमेर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने जैसलमेर प्रवास के दौरान बुधवार को बलिदानी पूनमसिंह स्टेडियम में आयोजित स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण का प्रबोधन करते हुए कहा कि संघ केवल एक संगठन मात्र नहीं, भारत के नवउत्थान एवं सर्वप्रकार के पुनरोदय का एक महाभियान है, यह राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश केटी थॉमस ने पिछले दिनों संघ को परिभाषित करते हुए कहा था कि संघ ही भारत में लोकतंत्र की सुरक्षा की गारंटी है। सेना और पुलिस के समक्ष संघ देश का सुरक्षा कवच है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे थॉमस के शब्दों से संघ की भूमिका को आसानी से समझा जा सकता है।
सरकार्यवाह ने अपने धाराप्रवाह संबोधन में आगे बोलते हुए कहा कि 1925 में नागपुर के छोटे से स्थान से शुरू हुआ संघ कार्य देश के सभी राज्यों और जिलों में पहुंच चुका है। इसको देश के प्रत्येक मंडल व बस्ती तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जो दूर नहीं है। शुरुआत में आमजन संघ को उपहास स्वरूप लेते थे, लेकिन स्वयंसेवकों के त्याग और समर्पण से निर्मित यह संगठन विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन के रूप में पहचान बनाने में सफल रहा है।
हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दू केवल एक धर्म नहीं अपितु जीवन पद्धति है। यही संगठित विचार लेकर स्वामी विवेकानंद ने धर्म का प्रचार किया। ऐसे महापुरुषों की प्रेरणा से संघ ने देश के आमजन में विश्वास जगाया कि हिन्दू एक हो सकता है। हिन्दुत्व को लेकर शुरू में लोग कहते थे कि यह साम्प्रदायिक है। संकुचित भाव है। परंतु संघ ने समझाया कि हिन्दू सम्प्रदाय नहीं एक जीवन दर्शन है। मानवता के उद्धार के लिए देश के इस जीवन दर्शन के चलते ही ऋषि-मुनियों, साधु-संतों ने कठोर तप कर मानव कल्याण के कार्य किये। प्रकृति व जीव-जंतुओं का संरक्षण हिन्दुत्व में ही निहित है, यह सनातनी व्यवस्था है। यही कारण है कि आज हिन्दू जीवन दर्शन की कई बातों को विश्वभर में मान्यता मिल रही है। योग और आयुर्वेद के विचार को विदेशी भी अपनाने लगे हैं। संघ ने आगे बढ़ते हुए कभी अपने मूल को नहीं छोड़ा। संघ अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत से राष्ट्र जीवन के विविध क्षेत्रों में सेवा कार्य से लोगों का विश्वास जीत रहा है।
संघ के सरकार्यवाह ने प्रबोधन की शुरुआत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर उन्हें स्मरण करते हुए कहा, दीनदयाल जी ने भारत के नवउत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और संघ के प्रचारक रहकर जीवन भर, भारत मां की सेवा करते हुए राष्ट्र जीवन के लिए एक नई दिशा देने का विचार “एकात्म मानव दर्शन” प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के आरंभ में ध्वजारोहण के पश्चात नवीन दायित्वों की घोषणा की गई। संघ के नगर एकत्रीकरण के अवसर पर मंच पर उपस्थित संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल ने जैसलमेर जिला और बाड़मेर विभाग के नवीन दायित्व की घोषणा की है। संघ दृष्टि से बाड़मेर विभाग के सह संघचालक का दायित्व अमृतलाल दैया को सौंपा गया। इसी क्रम में जैसलमेर जिला संघचालक चिरंजीलाल सोनी एवं सह जिला संघचालक का दायित्व पूराराम को सौंपा गया। गणवेश में हुए नगर एकत्रीकरण में अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण कुमार, सीमा जागरण मंच के अखिल भारतीय संयोजक मुरलीधर, सहसंयोजक नींब सिंह, क्षेत्र संघ चालक डॉ. रमेश अग्रवाल, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, प्रांत कार्यवाह खींमाराम, प्रांत प्रचारक विजयानंद सहित अन्य दायित्ववान कार्यकर्ता स्वयंसेवक और जैसलमेर नगर के स्वयंसेवक सम्मिलित हुए।