संघ की 99 वर्ष की अनथक साधना से भारत परम वैभव की ओर बढ़ रहा है- विकासराज
संघ की 99 वर्ष की अनथक साधना से भारत परम वैभव की ओर बढ़ रहा है- विकासराज
बड़ोदिया, 14 अक्टूबर। संघ की 99 वर्ष की अनथक साधना के बाद भारत परम वैभव की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में हम सब का दायित्व है कि हम समाज और देश की सेवा के लिए प्रण-प्राण से प्रतिबद्ध हो जाएं। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक विकास राज ने शनिवार को बड़ोदिया कस्बे में आयोजित विजयदशमी उत्सव में व्यक्त किए। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छींच खंड के विशाल पथ संचलन के समापन अवसर पर कस्बे के शिव मंदिर परिसर में उपस्थित स्वयंसेवकों और प्रबुद्धजनों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने कहा था, समाज का कोई एक वर्ग भी अगर साथ ना हो तो उस राज्य का विकास संभव नहीं, ऐसे में हमें भी समाज के समस्त वर्गों को साथ लेकर परम पवित्र भगवा ध्वज की छत्रछाया में देश को परम वैभव की ओर ले जाने के समर्पित प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि पहले जाति के नाम पर देश को काटा गया, बाद में रिलिजन के नाम पर देश को बांटकर सनातन संस्कृति और विश्व विश्रुत भारत के गौरव को हानि पहुंचाई गई।
विकासराज ने कहा कि अब हमें त्याग और समर्पण के 99 वर्षों के बाद आगामी 1 वर्ष में पंच परिवर्तनों की ओर ध्यान देना होगा। इसके अंतर्गत सर्वप्रथम अपने गांव में संघ की शाखा प्रारंभ करनी होगी और ऊंच-नीच, जाति विभेद, आपसी वैमनस्य को दूर करके समाज को समरसता के वातावरण में ढालने के लिए मिलकर कार्य करना होगा। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की दृष्टि से प्लास्टिक मुक्त वातावरण का निर्माण करना होगा। उन्होंने अंग्रेजी भाषा के स्थान पर मातृभाषा को अपनाने और नागरिक शिष्टाचार के नाते संविधान में वर्णित अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों को भी याद रखने का आह्वान किया।
इस अवसर पर बड़ोदिया में घोष वादन के साथ पथ संचलन भी निकला, जिसमें छींच खंड के 35 गांवों के 700 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए। संघ की आकर्षक वेशभूषा में दंड धारण किये इन स्वयंसेवकों ने पूर्ण अनुशासित ढंग से कस्बे के प्रमुख मार्गों से संचलन किया। लगभग आधा दर्जन घोष वादकों के समूह के वाद्ययंत्रों की ध्वनियों से गांव की गलियां गुंजायमान हो उठीं। ग्रामीणों ने पुष्पवृष्टि कर स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया। पथ संचलन राउमावि खेल मैदान से प्रारंभ होकर मुख्य बस स्टैंड, लक्ष्मीनारायण चौक से होते हुए शिव मंदिर परिसर पहुंचा। यहां पर आचार्य किशोर शुक्ला के सानिध्य में शस्त्र पूजन किया गया।