नहीं रुक रही भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ

नहीं रुक रही भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ

नहीं रुक रही भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठनहीं रुक रही भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ

रोहिंग्या मुसलमानों के अवैध रूप से भारत में घुसने और बस जाने का क्रम थम नहीं रहा है। एनआईए द्वारा इसी सप्ताह एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह के सरगना जलील मियां को गिरफ्तार किए जाने के बाद से नए खुलासे हुए हैं। चिंताजनक तथ्य सामने आया है कि एक ओर भारत सरकार घुसपैठिए रोहिंग्याओं को उनके देश वापस भेजने के प्रयास कर रही है, तो दूसरी ओर बांग्लादेश की सीमा से प्रतिदिन घुसपैठ हो रही है और रोहिंग्या मुसलमान भारत के अलग-अलग राज्यों में जा कर बस रहे हैं। इसके लिए ये फर्जी पहचान का सहारा ले रहे हैं। असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल इन रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए ‘सेफ हैवन’ बनता जा रहा है।

गिरफ्तार आरोपी जलील मियां त्रिपुरा का रहने वाला है। उस पर NIA ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। उसका पुराना साथी जिबोन रुद्र पाल उर्फ सुमन पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ये लोग बांग्लादेश के इस मानव तस्करी गिरोह को त्रिपुरा से चला रहे थे। जलील मियां के सहयोगी जज मियां और शंतो अभी भी फरार हैं। NIA उनकी तलाश कर रही है। गिरोह के 29 लोग अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं। गिरोह के शिकार ये रोहिंग्या मुसलमान भारत में घुसपैठ करने के लिए 10 से 20 लाख रुपए (14 से 28 लाख बांग्लादेशी टका) का ‘शुल्क’ इन मानव तस्करों को अदा कर रहे हैं। केंद्र सरकार इन्हें अवैध अप्रवासी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित कर चुकी है।

 

दो वर्षों में दोगुनी हुई भारत में रोहिंग्या जनसंख्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रतिदिन 5-10 रोहिंग्या भारत में घुसपैठ कर जाते हैं। इसी का परिणाम है कि आज इन रोहिंग्याओं की संख्या भारत में दो वर्षों में दोगुनी हो गई है। घुसपैठियों पर शक न हो, वे पकड़े न जाएं, इसके लिए अब इन्हें हिन्दी-असमी जैसी भाषाएं सिखाकर भारत में घुसाया जा रहा है। पहचान छिपाने के लिए घुसपैठियों का हुलिया भी बदल दिया जाता है। दिल्ली में ऐसे कई शिविर हैं, जहाँ रोहिंग्या रह रहे हैं। केंद्र सरकार कह चुकी है कि देश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए किसी कैम्प की व्यवस्था नहीं है। मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर में इनकी संख्या 10,000 बताई जाती है। रोहिंग्या कई अपराधों में भी लिप्त पाए गए हैं। शाहीन बाग़ और जफराबाद में CAA के विरुद्ध हुए आंदोलन में भी ये बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कुछ माह पहले ही खुलासा हुआ था कि रोहिंग्या मुसलमान भारत में बसने के लिए मृतक लोगों के आधार कार्ड और उनकी पहचान से जुड़ी जानकारी चुरा रहे हैं।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अनुसार,देश में अवैध रूप से रोहिंग्या का बड़ी संख्या में आना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। रोहिंग्याओं के आतंकी संगठनों से लिंक की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

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