भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ की हर BOP के साथ-साथ घर-घर तक RSS पहुंचाएगी गिलोय का पौधा
जैसलमेर, 03 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं ने औषधीय पौधों के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने की ठानी है। कोरोना महामारी के दौर में आमजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आरएसएस ने हजारों गिलोय के पौधे तैयार कर उन्हें घर-घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। जैसलमेर जिले में भी आरएसएस कार्यकर्ता गिलोय के पौधे जिले भर में वितरित करेंगे।
भारतीय पुरातन संस्कृति में औषधीय पौधों का विशेष महत्व है। कोरोना महामारी के काल में कई लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन्हीं औषधीय पौधों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में विभिन्न स्थानों पर लगभग 15 हजार गिलोय के पौधे तैयार कर उन्हें जिलेभर में वितरित किया जाएगा। संघ के पदाधिकारी अमृतलाल दैया बताते हैं कि औषधीय पेड़-पौधों का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व था लेकिन पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के चलते धीरे-धीरे इनका प्रचलन घट रहा है। ऐसे में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संघ प्रकृति वंदन कार्यक्रम देशभर में चला रहा है। इसी के अंतर्गत ये पौधे हर घर तक औषधीय पौधों के महत्व और उनके लाभों के संदेश के साथ पहुंचाए जाएंगे।
संघ के जिला प्रचारक गिरधारीलाल कहते हैं कि अभियान के अंतर्गत भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ की प्रत्येक बॉर्डर आउट पोस्ट (BOP) पर तुलसी और गिलोय का एक-एक पौधा वितरित किया जाएगा। जिलेभर में 8 स्थानों पर संघ के कार्यकर्ताओं की ओर से पिछले 7 दिनों से यह पौध तैयार की जा रही है। इसके बाद 5 जून से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए यह पौधे वितरित की जाएगी। इन पौधों के सार्वजनिक स्थानों पर वितरण को प्राथमिकता दी जाएगी।