सक्षम का उद्देश्य दिव्यांगों की क्षमता में विकास कर उन्हें सक्षम बनाना है

सक्षम का उद्देश्य दिव्यांगों की क्षमता में विकास कर उन्हें सक्षम बनाना है

              सक्षम का उद्देश्य दिव्यांगों की क्षमता में विकास कर उन्हें सक्षम बनाना हैसक्षम का उद्देश्य दिव्यांगों की क्षमता में विकास कर उन्हें सक्षम बनाना है

                                               
धौलपुर, 3 जुलाई। समद्दृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) की धौलपुर इकाई ने धौलपुर में सक्षम का स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय आदर्श विद्या मंदिर धूलकोट में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक सक्सेना ने की। सक्षम की प्रांतीय टोली के सदस्य अशोक सिंघल ने सक्षम द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2008 में नागपुर में 20 जून को सक्षम की स्थापना हुई थी। सक्षम का मूल उद्देश्य दिव्यांगों की क्षमता में विकास कर उन्हें सक्षम बनाना है।

दिव्यांगों की बेहतरी के लिए और क्या क्या कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं, इस पर कार्यक्रम में पधारे आगंतुकों ने भी अपने-अपने सुझाव दिये। हरि बाबू ने सर्वे के माध्यम से दिव्यांगों की सूची बनाने की बात कही तो मुकेश सिकरवार ने एक सहायता केन्द्र बनाने का सुझाव दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष अशोक सक्सेना ने कहा कि वे महावीर विकलांग सहायता समिति से जुड़े हैं। समिति के सहयोग से शिविरों का आयोजन किया जा सकता है। योगेश ने कहा कि हमें दिव्यांगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के बारे में विचार करना चाहिए। देवकीनंदन ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई गुण अवश्य होता है, दिव्यांग भी प्रतिभाशाली होते हैं, उन्हें प्रतिभानुसार अवसर मिलें, हमें इस पर काम करना चाहिए। इस अवसर पर संगठन के प्रचार प्रसार हेतु योगेश (संचालक राजेश्वरी पब्लिक स्कूल) को सर्व सहमति से जिले का सोशल मीडिया प्रभारी बनाया गया। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से हुआ।

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