लुभा रही है संवत्सरी साड़ी
लुभा रही है संवत्सरी साड़ी
चित्तौड़। राष्ट्र सेविका समिति चित्तौड़ प्रांत के प्रचार विभाग ने नवसंवत्सर पर एक विशेष परिधान की कल्पना को मूर्त रूप देते हुए समाज की बहनों के सहयोग से साड़ी डिजाइन करवाई है, जिसको सर्वसहमति से “संवत्सरी” नाम दिया गया है। गत वर्ष से इस संकल्पना पर काम करते हुए, इस वर्ष इन्हें पर्याप्त संख्या में मातृशक्ति के लिए बनवाया गया है। इस साड़ी की विशेषता यह है कि इसमें भारतभर में चैत्र मास में मनाए जाने वाले नववर्ष के प्रतीक चिह्नों को सम्मिलित किया गया है, जैसे गेहूं की बाली, कलश, नारियल और राजस्थान की बंधनी बूटी।
साड़ी पर काम कर रही सेविकाओं का कहना है कि भारतीय संस्कृति में अलग-अलग उत्सवों के लिए अलग-अलग प्रकार के परिधान हैं, जैसे फाल्गुन में महिलाएं फाग पहनती हैं, श्रावण में लहरिया, पूजा आदि के समय चूंदड़ी, संतान के होने पर पीला इत्यादि, तो विचार आया कि क्यों न नवसंवत्सर के लिए भी सांस्कृतिक महत्व के प्रतीकों को दर्शाते हुए विशेष परिधान तैयार करवाया जाए। अब वह विचार मूर्त रूप ले चुका है। साड़ी बेहद पसंद की जा रही है।
हाल ही में श्री बृजेश शर्मा सेवा न्यास ने श्री राम जानकी विवाह समारोह में नववधुओं को ये साड़ियां सप्रेम भेंट की हैं।