सुंईया मेला : राजस्थान का अर्द्ध कुंभ आज से
सुंईया मेला : राजस्थान का अर्द्ध कुंभ आज से
राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन क्षेत्र में स्थित सुंईया महादेव मंदिर में 29 और 30 दिसंबर 2024 को सुंईया मेला आयोजित हो रहा है, जिसे ‘मरु कुंभ’ या ‘अर्द्धकुंभ’ के नाम से जाना जाता है। महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस पवित्र कुंड में स्नान करने के लिए 12 वर्षों तक प्रतीक्षा की थी, क्योंकि उस समय पंचयोग नहीं बन पाया था। यह मेला विशेष पंचयोग बनने पर ही आयोजित होता है, जो इस बार 7 वर्षों के अंतराल के बाद बन रहा है। पंचयोग का निर्माण तब होता है, जब निम्नलिखित पांच संयोग एक साथ मिलते हैं:
1. पौष माह
2. अमावस्या तिथि
3. सोमवार का दिन
4. व्यातिपात योग
5. मूल नक्षत्र
सुंईया महादेव मंदिर चौहटन की पहाड़ियों में स्थित है, जहां पहाड़ी पर भगवान शिव के चरणों के नीचे से जलधारा बहकर झरने के रूप में कुंड में एकत्रित होती है। इस पवित्र कुंड में स्नान का विशेष महत्व है, और प्रदेशभर से श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं।
इस वर्ष मेले में अनुमानित 10 लाख श्रद्धालुओं की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिनमें सैकड़ों नलों की स्थापना, पहाड़ काटकर रास्तों का निर्माण, और श्रद्धालुओं के ठहरने एवं स्नान की सुविधाएं शामिल हैं।
पिछले आयोजनों का विवरण
1944 से अब तक यह 12वां अवसर है जब पंचयोग बना है। पिछले मेलों के बीच का अंतराल भिन्न रहा है, जैसे 1956 के बाद 14 वर्षों के अंतराल पर 1970 में मेला आयोजित हुआ, जबकि 2017 के बाद इस बार 7 वर्षों के अंतराल पर मेला हो रहा है।
चौहटन को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है, जहां कपिल मुनि की तपोस्थली ‘कपालेश्वर धाम’, डूंगरपुरी महाराज का मठ, इंद्रभान तालाब सहित अन्य कई मंदिर और मठ स्थित हैं।
इस प्रकार, सुंईया मेला धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है, जो विशेष पंचयोग के अवसर पर आयोजित होता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।