SFI के छात्रों ने किया उग्र प्रदर्शन, कुलपति को कार से नहीं निकलने दिया बाहर
SFI के छात्रों ने किया उग्र प्रदर्शन, कुलपति को कार से नहीं निकलने दिया बाहर
सीकर। किसी भी विश्वविद्यालय की शक्ति उसके छात्र होते हैं। लेकिन जब छात्र ही राजनीति का शिकार होकर दिग्भ्रमित हो जाएं, तो अराजकता का वातावरण बनता है। एसएफआई (Student Federation of India) एक वामपंथी छात्र संगठन है। इसके छात्रों ने हाल ही में अराजकता का परिचय देते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार राय को कार में एक तरह से बंधक बना लिया। वे यूनिवर्सिटी कैंपस में शैक्षणिक विषयों की फीस व सेमेस्टर प्रणाली की परीक्षा का शुल्क कम करने, यूनिवर्सिटी में बाहर से आने वाले छात्रों के लिए पीने के पानी व बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करने, यूनिवर्सिटी कैम्पस के मुख्य गेट के सामने स्थाई बस स्टैंड का निर्माण कराने तथा कैंपस में लाइब्रेरी शुरू करने व छात्र संघ के चुनाव कराने की मांग कर रहे थे। इन मांगों के लिए इन छात्रों की अनुशासनहीनता और उग्रता धीरे धीरे अराजकता में बदल गयी।
चार दिनों से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में एसएफआई के छात्रों ने कुलपति की कार का घेराव किया और उन्हें कार में कैद कर लिया।
वे न तो कुलपति को कार से बाहर निकलने दे रहे थे और ना ही कार को आगे-पीछे जाने दे रहे थे। परिणामस्वरूप, कुलपति को काफी समय तक कार में कैद रहना पड़ा। यह विरोध देर रात तक जारी रहा। यहां तक कि जब वे अपने आवास पर पहुंचे, तब भी छात्र शांत नहीं हुए। वे देर रात तक कुलपति आवास के बाहर ढोल पीटते रहे ताकि अंदर कोई सो न सके और लोगों को लगे कि विरोध समाप्त नहीं हुआ है।
घटना के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए और कुलपति की सुरक्षा को लेकर भी कड़े प्रबंध किए। प्रशासन ने छात्रों के इस कदम की कड़ी निंदा की है और उन्हें अनुशासन की सीमा में रहने की सलाह दी है। इस तरह के उग्र और अराजकता से भरे प्रदर्शन के कारण विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।
एसएफआई संगठन देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में संचालित एक छात्र संगठन है। एसएफआई कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) की छात्र शाखा के रूप में कार्य करता है।