खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले संगठन SFJ के ब्रिटेन स्थित कार्यालय पर छापा, हुए कई खुलासे

खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले संगठन SFJ के ब्रिटेन स्थित कार्यालय पर छापा, हुए कई खुलासे

खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले संगठन SFJ के ब्रिटेन स्थित कार्यालय पर छापा, हुए कई खुलासे

भारत में खालिस्तान को हवा देने वाले उग्रवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के ब्रिटेन स्थित कार्यालय पर छापामारी की गई। छापेमारी में ब्रिटेन में खालिस्तान के समर्थन में किए गए जनमत संग्रह में फर्जीवाड़े और किसान आंदोलन में इसकी लिप्तता जैसे कई मामलों का खुलासा हुआ है। यह छापेमारी यूके की मेट्रोपॉलिटन पुलिस द्वारा की गई। उल्लेखनीय है कि पतवंत सिंह पन्नू का यह संगठन लंदन के हाउंस्लो इलाके केसाड्डा सुपरस्टोरकी पहली मंजिल पर स्थित है।

पुलिस ने मौके से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा दस्तावेज बरामद किए हैं। दस्तावेजों से पता चला है कि एक ओर तो यह उग्रपंथी संगठन भारत में तथाकथित किसान आंदोलन को उग्र रास्ते पर ले जाने में संलग्न है तो वहीं दूसरी ओर खालिस्तान बनाने की मुहिम भी छेड़े हुए है। 

इसी के लिए सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने एक फर्जीजनमत संग्रहकिया था। जिसमें सिखों ने कोई रुचि नहीं दिखाई और जनमत संग्रह एक फलॉप शो साबित होकर रह गया। पुलिस सूत्रों का कहना है, वहां से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से पता चला है कि जनमत संग्रह को सफल दिखाने के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाए जा रहे थे।

ब्रिटेन की पुलिस ने यह छापेमारी यूके में बसे भारतीयों विशेषकर लंदन में रह रहे सिख समुदाय द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों के बाद की।

पुलिस ने इस मामले में एक पाकिस्तानी को भी पकड़ा है। पता यह भी चला है कि SFJ के उस फर्जी जनमत संग्रहको यूके में रह रहे 8 लाख से अधिक सिखों ने सिरे से खारिज कर दिया था। इस जनमत संग्रहमें वोट डालने के लिए खालिस्तान समर्थकों का एक छोटा सा जत्था तथा कुछ अन्य लोग ही थे, जो बरगला कर वोट डालने की जगह तक लाए गए थे। उनसे किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करने की बात कहकर वोटिंग कराई गई। 

उल्लेखनीय है कि SFJ वही संगठन है जो यूके में शांतिसौहार्द से रह रहे अनिवासी भारतीयों में खालिस्तानऔरकिसान आंदोलनको लेकर दरार पैदा करने के प्रयास करता रहा है। इसके नेता पतवंत सिंह पन्नू के भारत में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन के दौरान कई भड़काऊ वीडियो सामने चुके हैं।

माना जाता है कि इस संगठन को आईएसआई से फंडिंग मिलती है, इसका जिक्र कई रिपोर्ट में हो चुका है।

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