परिवार की संरचना को अक्षुण्ण रखने के लिए आगे आएं साहित्यकार 

परिवार की संरचना को अक्षुण्ण रखने के लिए आगे आएं साहित्यकार 

परिवार की संरचना को अक्षुण्ण रखने के लिए आगे आएं साहित्यकार परिवार की संरचना को अक्षुण्ण रखने के लिए आगे आएं साहित्यकार 

बरेली, 09 दिसम्बर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत बरेली के तत्वावधान में प्रांतीय कहानी प्रतियोगिता का पारितोषिक वितरण समारोह चन्द्रकांता आडिटोरियम में रविवार को सम्पन्न हुआ। इस समारोह में ब्रज प्रांत के विभिन्न जनपदों में आयोजित प्रांतीय कहानी प्रतियोगिता के 148 विजेताओं को अतिथियों द्वारा पारितोषिक प्रदान किए गए। इस अवसर पर प्रतियोगिता कराने वाले शिक्षक / शिक्षिकाओं एवं प्रधानाचायों को भी सम्मानित किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रांतीय महामंत्री डॉ. शशिबाला ने कहा कि कुटुम्ब हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। वर्तमान पीढ़ी को उसकी महत्ता से अवगत कराने के लिए यह कहानी प्रतियेगिता आयोजित की गई है।

कहानी प्रतियोगिता के आयोजन के उद्‌देश्य पर प्रकाश डालते हुए प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि कहानी साहित्य की अत्यंत प्राचीन विधा है। जिस समय लिपि तथा व्याकरण का विकास नहीं हुआ था, तब भी कहानी सुनी और सुनाई जाती थी। इसलिए हमारी युवा पीढ़ी को परिवार प्रणाली की उपयोगिता को बनाए रखने के उद्देश्य से विद्यार्थियों के मध्य ‘कुटुम्ब’ विषय पर ब्रज प्रांत के 14 जिलों के 146 विद्यालयों में कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 3000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली से पधारे साहित्य परिषद के सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने कहा कि परिवार समाज की सबसे सशक्त इकाई है। परन्तु वर्तमान परिवेश में परिवारों का आकार सिकुड़ता जा रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है। परिवार चरित्र निर्माण की पाठशाला है। इसलिए परिवार की संरचना अक्षुण्ण रहे, यह आज की महती आवश्यकता है। उन्होंने ब्रज प्रांत द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता की सराह‌ना की और इसके लिए समस्त पदाधिकारियों को बधाई दी।

अपने अध्यक्षीय उद्‌बोधन में साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. पवन पुत्र ‘बादल’ ने कहा कि कहानी हमारे पुराणों और धार्मिक साहित्य का भी अभिन्न अंग है। कहानी के माध्यम से हम कोई भी स्चनात्मक संदेश समाज को सुगमतापूर्वक दे सकते हैं। उन्होंने राम कथा भागवत आदि का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि परिवार प्रणाली को बचाने के लिए साहित्यकार आगे आएं।

इस अवसर पर मनोज कुमार, डॉ. पवनपुत्र बादल, डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा, हरि प्रकाश हरि, डॉ. शशि बाला राठी तथा पुरुषोत्तम पाटिल ने इंटर व डिग्री कालेज के विजेता विद्यार्थियों तथा कहानीकारों को पारितोषिक प्रदान किए। 

कार्यक्रम का संचालन पूर्व राज भाषा अधिकारी प्रभाकर मिश्र द्वारा किए गया। कवि रोहित राकेश ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, अध्यापक एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में उपस्थित लोग

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