कविताएं साहित्य भाषा ख़ामोशी में शोर गूंजता, महफ़िल में तन्हाई है (कविता) 4 years ago Pathey Kan दीपक आजाद ख़ामोशी में शोर गूंजता, महफ़िल में तन्हाई है आज़ादी के जश्न में यारो…