पंचांग 7 अक्टूबर 2021
पंचांग 7 अक्टूबर 2021 सुविचार सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते।।…
पंचांग 7 अक्टूबर 2021 सुविचार सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते।।…
पंचांग 6 अक्टूबर 2021 सुविचार सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा। शान्तिः पत्नी…
पंचांग 5 अक्टूबर 2021 सुविचार दयाहीनं निष्फलं स्यान्नास्ति धर्मस्तु तत्र हि। एते वेदा अवेदाः स्यु…
पंचांग 4 अक्टूबर 2021 सुविचार श्रिय: प्रसूते विपदः रुणद्धि, यशांसि दुग्धे मलिनं प्रमार्टि। संस्कार सौधेन…
पंचांग 2 अक्टूबर 2021 सुविचार अन्तो नास्ति पिपासायाः सन्तोषः परमं सुखम्। तस्मात्सन्तोषमेवेह परं पश्यन्ति पण्डिताः॥…
पंचांग 30 सितम्बर 2021 सुविचार अग्नौ प्रास्तं तु पुरुषं कर्मान्वेति स्वयंकृतम्। तस्मात्तु पुरुषो यत्नाद् धर्मं…
पंचांग 29 सितम्बर 2021 सुविचार अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत्। स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाड्मयं तप…
पंचांग 28 सितम्बर 2021 सुविचार दाने तपसि शौर्ये च विज्ञाने विनये नये। विस्मयो न हि…
पंचांग 27 सितम्बर 2021 सुविचार लुब्धमर्थेन गृणीयात् क्रुद्धमञ्जलिकर्मणा। मूर्ख छन्दानुवृत्त्या च तत्वार्थेन च पण्डितम्।। भावार्थ…
पंचांग 26 सितम्बर 2021 सुविचार विद्या मित्रं प्रावासेषु भार्या मित्रं गृहेषु च। व्याधितस्योषधं मित्रं धर्मों…
पंचांग 25 सितम्बर 2021 सुविचार श्रिय: प्रसूते विपदः रुणद्धि, यशांसि दुग्धे मलिनं प्रमार्टि। संस्कार सौधेन…
पंचांग 24 सितम्बर 2021 सुविचार विपदी धैर्यमथाभ्युदये क्षमा सदसि वाक्पटुता युधि विक्रमः। यशसि चाभिरूचित्र्यसनं श्रुतौ…
पंचांग 22 सितम्बर 2021 सुविचार स्वभावं न जहात्येव साधुरापद्गतोऽपि सन्। कर्पूरः पावकस्पृष्टः सौरभं लभतेतराम्।। भावार्थ…
पंचांग 21 सितम्बर 2021 सुविचार सर्वार्थसंभवो देहो जनित: पोषितो यतः। न तयोर्याति निर्वेशं पित्रोर्मत्र्य: शतायुषा।…
पंचांग 20 सितम्बर 2021 सुविचार आरोप्यते शिला शैले यत्नेन महता यथा। पात्यते तु क्षणेनाधस्तथात्मा गुणदोषयोः।।…
पंचांग 18 सितम्बर 2021 सुविचार यदा न कुरूते भावं सर्वभूतेष्वमंगलम्। समदृष्टेस्तदा पुंसः सर्वाः सुखमया दिश:।।…
पंचांग 17 सितम्बर 2021 सुविचार अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।। तृणैर्गुणत्वमापत्नैर् बध्यन्ते मत्तदन्तिनः।। भावार्थ छोटी छोटी…
पंचांग 16 सितम्बर 2021 सुविचार गते शोको न कर्त्तव्यो भविष्यन्नैव चिन्तयेत्। वर्तमानेन कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः।।…