छात्र-छात्राओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक- स्वामी अचलानंद गिरी
छात्र-छात्राओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक- स्वामी अचलानंद गिरी
जोधपुर, 20 जुलाई। शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। समाज और बालकों को संस्कार देने का कार्य शिक्षकों का दायित्व है। छात्र-छात्राओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है। वे किस प्रकार इससे दूर रहें, शिक्षकों को इसकी चिंता करनी चाहिए। ये उद्गार पीठाधीश्वर सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरी जी महाराज ने बुधवार को राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जोधपुर कार्यालय “शिक्षक सदन” के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
वहीं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक मंगलाराम ने कहा कि शिक्षकों को पंच प्रण लेते हुए नागरिक कर्तव्य पालन, स्वदेशी, समरसता, कुटुंब प्रबोधन तथा पर्यावरण का संरक्षण करते हुए विद्यालय तथा छात्र छात्राओं के साथ समाज की उन्नति में अपना संपूर्ण योगदान देना चाहिए।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एवं राजस्थान शिक्षक राष्ट्रीय के प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को अपने विद्यालय को तीर्थ मानकर शिक्षा, शिक्षार्थी तथा समाज के उत्त्थान में संपूर्ण योगदान देना चाहिए।
संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने कहा कि अब दूर दराज से आए शिक्षकों को यहां रहने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश सह संगठन मंत्री नरेश सोलंकी ने कार्यालय से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द्र पुष्करणा ने कहा कि संगठन के सक्रिय सदस्यों की अहम भागीदारी से ही शिक्षक संघ के कार्यालय का सपना पूरा हो पाया। यह संगठन की स्थाई निधि है। वर्तमान में संगठन की सदस्यता दो लाख के पार होने से राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय भारतवर्ष का सबसे बड़ी सदस्यता वाला संगठन बन गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष रुपाराम खोजा ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कार्यकारिणी से सभाध्यक्ष संपतसिंह, प्रदेश महिला मंत्री डॉ. अरुणा शर्मा, जयमाला पानेरी, सुशीला कच्छवाहा, अमरजीत सिंह राठौड़, दिनेश शर्मा, बसंत जिंदल, ओमप्रकाश बिश्नोई, रानीदान सिंह भुट्टो, ऋषि चौबीसा, कैलाश जांगिड़, कैलाश कच्छवाहा, कृष्ण कुमार सैनी, रूपाराम रलिया, अरुण कुमार व्यास, रामनारायण बिश्नोई सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।