उदयपुर फिल्म फेस्टिवल : फिर बेनकाब हुए एजेंडाधारी
उदयपुर फिल्म फेस्टिवल : फिर बेनकाब हुए एजेंडाधारी
उदयपुर, 21 नवंबर। तीन दिवसीय उदयपुर फिल्म फेस्टिवल (Udaipur film festival) का रविवार को अंतिम दिन था। लेकिन वामपंथियों के इस फेस्टिवल के दूसरे दिन इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध में मारे गए बच्चों के साथ ही अन्य युद्धों में मारे गए बच्चों को भी श्रद्धांजलि देने का मामला तूल पकड़ गया। उदयपुर के आरएनटी मेडीकल कॉलेज में आयोजित यह 9वां उदयपुर फिल्म फेस्टिवल UAPA के अंतर्गत 10 वर्ष जेल की सजा काटने वाले स्वर्गीय प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा और फिलिस्तीन में मारे गए बच्चों को समर्पित था। शनिवार को आयोजन में उपस्थित कुछ सजग युवाओं ने फिलिस्तीन के बच्चों के साथ ही इजराइल व यूक्रेन-रूस युद्ध में मारे गए बच्चों को भी श्रद्धांजलि देने की बात कही, तो आयोजक भड़क गए और विवाद करने लगे।
क्या है मामला
मामला शनिवार (16 नवम्बर) का है। फेस्टिवल में उपस्थित युवकों ने बताया कि उस दिन आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सभागार में 15-20 लोग इकट्ठे होकर उदयपुर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर रहे थे, जिसमें फिलिस्तीन-इजराइल युद्ध के दौरान फिलिस्तीन में मारे जाने वाले बच्चों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी। तभी उन्होंने रूस हमले के फलस्वरूप यूक्रेन में मारे गये बच्चों को भी श्रद्धांजलि देने की बात कही तो वामपंथी प्राध्यापक हिमांशु पण्ड्या सहित अन्य आयोजकों ने उनके साथ अभद्रता की और बाहर निकाल दिया। युवकों ने आरोप लगाया कि आयोजनकर्ता लोगों को फिलिस्तीन आधारित कंटेंट दिखाकर उनकी मजहबी भावनाओं को उकसा रहे थे।
लोगों ने बताया कि उन्होंने अभद्रता और भेदभाव की शिकायत आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर से की। वे वहां पहुंचे, तो आयोजकों सहित अन्य लोग भी आ गये। हम सब ने उनसे बिना कोई भेदभाव किये फिलिस्तीन के बच्चों के साथ यूक्रेन में मारे गये बच्चों को भी श्रद्धांजलि देने की बात कही। यही नहीं इजराइल व रूस में भी जान गंवाने वाले बच्चों को श्रद्धांजलि देने की अपील की गई। लोगों ने बताया, उनका कहना था कि बच्चे इन विवादों को नहीं समझते और वे भगवान का रूप होते हैं। हमें उनमें भेद नहीं करना चाहिए। लेकिन आयोजकों ने हमारी बात को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि रूस एक कम्युनिस्ट देश है। इसलिए हम यूक्रेन में मारे गये बच्चों को श्रद्धांजलि नहीं दे सकते। हमने उदयपुर के वंचित समाज के नाबालिग मृतक देवराज मोची को श्रद्धांजलि देने की बात कही, तो उन्होंने उसके लिए भी मना कर दिया।
लोगों ने बताया कि प्राचार्य के समक्ष हुई बातचीत में हमने आयोजकों को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। साथ ही कुछ अन्य बाल अत्याचारों से संबंधित घटनाओं को भी फिल्म स्क्रीनिंग व चर्चा सत्र में शामिल करने या उन्हें श्रद्धांजलि देने की भी अपील की। जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
एक व्यक्ति ने कहा कि जहां तक फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध का संदर्भ है, यह तथ्य भी ध्यान रखना आवश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा गठित आयोग ने इस बात पर बल दिया है कि हमास व सशस्त्र फिलिस्तीन समूहों द्वारा 07 अक्टूबर 2023 को किये गये इजराइल पर हमले व उसके बाद इजराइल द्वारा ग़ाज़ा में सैन्य हमलों को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। द टाइम्स इजराइल के अनुसार, इस आतंकी हमले में अपहरण कर गाजा ले गये 240 लोगों में 40 बच्चे भी शामिल हैं। उन 40 बच्चों की सकुशल रिहाई के लिए अपील की जानी चाहिए।
बाद में आरएनटी के प्राचार्य ने जिला प्रशासन की अनुमति नहीं लाने तक फेस्टिवल बन्द करवा दिया। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन कि अनुमति नहीं लेने के कारण 2016 में भी राजस्थान कृषि महाविद्यालय द्वारा फेस्टिवल की अनुमति रद्द कर दी गई थी। वहां उपस्थित लोगों ने खिन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म फेस्टिवल के आयोजक आदतन नियम, प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हैं और सोसाइटी में तनाव फैलाने वाले कंटेंट परोसते हैं। घटना वाले दिन भी जब प्राचार्य ने आयोजकों से लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए जिला प्रशासन की अनुमति का पत्र मांगा, तो उन्होंने कहा कि वे ऐसी औपचारिक प्रक्रिया को फॉलो नहीं करते।