उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने डमरू वादन कर महाकाल की स्तुति की, बनाया विश्व रिकॉर्ड
उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने डमरू वादन कर महाकाल की स्तुति की, बनाया विश्व रिकॉर्ड
उज्जैन। श्रावण माह के तीसरे सोमवार को उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर भगवान महाकाल की स्तुति की। वादन के दौरान पूरा वातावरण दिव्य और भक्तिपूर्ण हो गया। इस अवसर पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क के 488 डमरू वादकों द्वारा एक साथ वादन का रिकॉर्ड भी टूट गया। इस अद्भुत आयोजन ने न केवल स्थानीय जनता को बल्कि पूरी दुनिया को अचंभित कर दिया है।
महाकाल महालोक के सामने शक्ति पथ पर अद्भुत अनूठे आयोजन में भगवा वस्त्रों में डमरू वादक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को भाव विभोर कर दिया। इस आयोजन में कुल 1500 वादकों में 900 पुरुष और 600 महिलाएं सम्मिलित थीं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भगवान महाकाल की आराधना के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और संगीत की प्राचीन परंपराओं को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करना था।
महाकाल महालोक में हर सोमवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पहले सोमवार को जनजातीय कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोकनृत्य की भव्य प्रस्तुति दी थी। महाकाल की शोभायात्रा निकाली गई थी, जिसमें भगवान महाकाल को चाँदी की पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया था।
वहीं दूसरे सोमवार को 350 सदस्यीय पुलिस बैंड ने संगीत की प्रस्तुति दी थी। इस बैंड ने देशभक्ति और आध्यात्मिक गीतों की धुनों से वातावरण को संगीतमय बना दिया था। इस अवसर पर मंदिर परिसर में विशेष लाइटिंग और सजावट की गई थी, जो कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थी।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर ऋषिनाथ ने डमरू वादन के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डमरू वादन के विश्व रिकॉर्ड के लिए उज्जैन को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।