विजन फॉर विकसित भारत राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देशभर के शिक्षाविद, प्राप्त हुए डेढ़ लाख से अधिक शोध आलेख
विजन फॉर विकसित भारत राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देशभर के शिक्षाविद, प्राप्त हुए डेढ़ लाख से अधिक शोध आलेख
गुरुग्राम। भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन ‘विविभा’ (विजन फॉर विकसित भारत)- ‘अनुसंधान से साकारता’ का आयोजन 15 से 17 नवंबर 2024 तक एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में अपराह्न 3:00 बजे होगा। गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में आचार्य व प्रचार प्रभारी प्रो. एसके अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ एवं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी करेंगे। उद्घाटन सत्र के प्रमुख वक्ता प्रसिद्ध भागवताचार्य संजीव कृष्ण ठाकुर (वृंदावन), गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद महाराज, प्रसिद्ध विचारक, लेखक एवं शिक्षाविद डॉ. मनमोहन वैद्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, भारतीय नौसेना अध्यक्ष दिनेश कुमार त्रिपाठी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. सतीश रेड्डी होंगे।
भारत के 1000 से अधिक विश्वविद्यालयों से 1 लाख 68 हजार शोध आलेख प्रविष्टियां प्राप्त
गुजरात सम्मेलन हेतु 1 लाख 68 हजार शोध आलेख प्रविष्टियां भारत के 1000 से अधिक विश्वविद्यालयों से प्राप्त हुई हैं। इनमें सर्वोत्तम 1200 आलेखों के लेखकों का चयन कर उन्हें सम्मेलन में प्रस्तुतीकरण एवं सहभागिता हेतु आमंत्रित किया गया है। सर्वोत्तम आलेख लेखकों को भारत के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में अंतरिम प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भारतीय इतिहास एवं उज्जवल भारत भविष्य दृष्टि, समृद्ध भारत एवं पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर गहन मंथन
सम्मेलन में विकसित भारत से जुड़े विधि एवं न्याय, सामाजिक सुरक्षा, कला, साहित्य एवं संस्कृति, भारतीय ज्ञान पद्धति, महिला सशक्तिकरण दृष्टि, ज्ञान विज्ञान एवं तकनीक, ग्रामीण विकास एवं स्वरोजगार, वाणिज्य, अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन, भारतीय शिक्षा- भूत वर्तमान एवं भविष्य, भारतीय इतिहास एवं उज्जवल भारत भविष्य दृष्टि, समृद्ध भारत एवं पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर गहन मंथन होगा।
कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रहेगी भव्य प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में भारतीय सनातन मूल्यों का आत्मनिर्भर भारत निर्माण में योगदान, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय सनातन संस्कृति के तत्व, अखण्ड भारत, भारतीय सांस्कृतिक विरासत एवं धरोहर, भारतीय इतिहास, वांग्मय, संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान, कला, विधि, न्याय, साहित्य,भारतीय शिक्षण-प्रशिक्षण पद्धति, भारतीय वाणिज्य एवं अर्थशास्त्र सामाजिक सुरक्षा, प्राचीन भारत में महिला सशक्तिकरण दृष्टि, जैसे महत्वपूर्ण विषय सम्मिलित होंगे।
समापन सत्र में उद्बोधन
समापन सत्र में कुलाधिपति पतंजलि पीठ स्वामी रामदेव, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री शंकरानंद बीआर एवं भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी का उद्बोधन होगा। सम्मेलन में अन्य प्रमुख वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति मुंबई विश्वविद्यालय प्रो. सुहास पेडणेकर, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भारत शरण सिंह, भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम के राष्ट्रीय प्रभारी अमित रावत, भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम के राष्ट्रीय सह प्रभारी शिव सिंह बघेल एवं डॉ. जसपाल कौर, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति शरद बोबडे, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय एवं राज्यसभा सदस्य न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो टीजी सीताराम, राष्ट्रीय तकनीकी परिषद के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. मनीष जोशी, ब्रह्मोस के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. संजीव कुमार जोशी, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो.रघुवेंद्र तंवर, डिक्की के अध्यक्ष पद्मश्री मिलिंद कामले, भारतीय अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक पद्मश्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी, जेएनयू दिल्ली की कुलपति प्रो. शांति श्री पंडित, भारतीय प्रबंध मंडल अध्ययन संस्थान, बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता एस सहाय होंगे।