महिलाओं का केश विन्यास
महिलाएं
कभी बाल खुले रखती हैं
कभी एक चोटी
कभी दो, तो कभी जूड़ा
इसका कोई गूढ़ रहस्य है
या यह फैशन से है जुड़ा?
एक दिन पत्नी से कारण
पूछ ही लिया
कहने लगी
जब हमारी शादी नहीं हुई थी
हम अकेले थे, जैसे दो अलग चोटी
फिर शादी हुई एक हुए, तो एक चोटी
फिर हम दोनों जूड़े के जैसे
ऐसे मिल गए कि
अपना सब कुछ
एक दूसरे को दे दिया।
मैंने पूछा फिर ये खुले बाल,,,,?
उत्तर मिला, एक हो कर भी
हमारा अपना अलग अस्तित्व है
ये खुले बाल, हमारे अलग विचार
अधिकार, वजूद और
शख्सियत का प्रतीक हैं
जो एक दूसरे के सम्मान से उपजता है।
मैंने प्रभावित होकर, वातावरण को हल्का
करने के लिए पूछा,.. और ये जो तुम
बालों में ऊपर रबर बैंड लगा कर खुला
छोड़ देती हो, यह तो भ्रमित करता है
यह बंधन है या स्वतंत्रता?
उत्तर मिला, एक दूसरे को स्वतंत्रता
तो देनी है, पर पतंग और डोर जैसे
स्वतंत्रता में भी मर्यादा का अंकुश
बालों को पहले मर्यादा के रबर बैंड
से बांधा फिर स्वछंद छोड़ दिया।
केश विन्यास के गूढ़ रहस्य को जान
मैं हतप्रभ रह गया।
(लेखक – अज्ञात, साभार – सोशल मीडिया)