अजमेर डिस्कॉम से छिना रूफटॉप सोलर प्लांट योजना का ठेका, पक्षपात व भ्रष्टाचार के थे आरोप
राजस्थान में भ्रष्टाचार के नित नए खुलासे हो रहे हैं। प्रदेश लम्बे समय से कभी पेपर लीक तो कभी चहेतों को नौकरी देने के मामलों को लेकर सुर्खियों में है। अब अजमेर डिस्कॉम पर वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। जिसके चलते अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन से दस हजार करोड़ रुपये के रूफटॉप सोलर प्लांट योजना का जिम्मा छिन गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार व प्रशासन द्वारा अपने लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लिए जा रहे निर्णयों को एक और झटका लगा है। हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अजमेर डिस्कॉम को दो सौ मेगावाट रूफटॉप प्लांट योजना का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। विभिन्न जांच रिपोर्ट्स के माध्यम से गड़बड़ी सामने आने पर केंद्र ने यह निर्णय लिया है।
लगभग दस हजार करोड़ रुपये की दो सौ मेगावाट की रूफटॉप सोलर प्लांट योजना पूरे प्रदेश के लिए बनी थी। ऐसे में राज्य की सभी विद्युत कंपनियों के मध्य इस दायित्व का बंटवारा होना चाहिए था, परंतु राज्य सरकार ने अजमेर डिस्कॉम पर अतिरिक्त कृपा दिखाते हुए पूरा दायित्व अकेले इसी कंपनी को सौंप दिया जिस पर प्रश्न खड़े होना अवश्यम्भावी था।
मामला यहीं पर नहीं रुका। अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन पर निविदा प्रक्रिया में भी धांधली के आरोप लगे। पूर्व में 25 जनवरी को टेंडर खुलना तय हुआ था, किंतु एक फर्म विशेष को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इसकी तिथि 9 फरवरी कर दी गई थी। चर्चा थी कि ये टेंडर कतिपय कंपनियों को ही मिलेंगे, जिनमें अजमेर डिस्कॉम के शीर्ष अधिकारी के परिवारजनों की भागीदारी है। इन्हीं कंपनियों को विगत तीन वर्षों में करोड़ों रुपयों के प्रोजेक्ट्स दिए गए।
इन सभी गड़बड़ियों के सामने आने पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस निविदा को निरस्त करने के निर्देश दिए।
अब राजस्थान में आगामी सोलर परियोजनाओं पर जयपुर, जोधपुर तथा अजमेर डिस्कॉम तीनों अलग–अलग कार्य करेंगी।