अब ओसवाल बुक्स ने CLAT के मॉक टेस्ट के लिए छापे प्रश्नपत्र में ब्राह्मण को बताया बलात्कारी
ओसवाल बुक्स ने CLAT के मॉक टेस्ट के लिए छापे प्रश्नपत्र में ब्राह्मण को बताया बलात्कारी
आजकल पढ़े लिखे लोग भी कितने कुंठित हैं, आए दिन इसकी बानगी देखने को मिलती रहती है। ऐसे लोग और कुछ नहीं तो हिन्दू समाज व हिन्दू आस्था पर ही चोट करते रहते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतनलाल व लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत की ज्ञानवापी में मिले अविमुक्तेश्वर शिवलिंग पर घटिया टिप्पणी के बाद अब यह कारनामा किया है ओसवाल बुक्स ने। ओसवाल बुक्स ने CLAT के मॉक टेस्ट के लिए प्रश्नपत्र छापा, जिसमें 84 वां प्रश्न था, ‘अनीता एक 8 वर्ष की बच्ची है। एक दिन वह सड़क पर खेल रही थी। इसी बीच एक ब्राह्मण पंडित, बच्ची को किडनैप करके वीरान पड़े मंदिर में ले गया और उसका बलात्कार किया। बच्ची 2 दिन बाद ज्यादा खून बह जाने के कारण बेसुध और गंभीर अवस्था में मिली। अनीता के लिए मुआवजे का दावा कौन करेगा?’ मामले की शिकायत वकील शशांक शेखर झा ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से आगरा पुलिस से की। थोड़े ही समय में प्रश्न वायरल हो गया।
ओसवाल बुक्स प्रकाशन आगरा में स्थित है। वर्ष 1984 में शुरू हुए इस प्रकाशन के संस्थापक व मैनेजिंग डायरेक्टर नरेश जैन हैं। यहाँ से CBSE, ISC, ICSE और कर्नाटक बोर्ड की पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है। इसी के साथ ओसवाल बुक्स JEE, NEET, RRB-NTPC, CAT और CLAT जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की पुस्तकें भी छापता है।
वकील शशांक शेखर झा ने इसे ब्राह्मण समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया और इसे तैयार करने वाले के विरुद्ध FIR दर्ज करने की माँग की है। वहीं, FIR की माँग पर आगरा पुलिस ने पूरी जानकारी के साथ संबंधित थाने पर सम्पर्क करने को कहा है।
दूसरी ओर विवाद बढ़ने पर ओसवाल बुक्स ने 16 जून 2022 (गुरुवार) को इस प्रकरण में बिना शर्त लिखित में माफ़ी माँग ली। प्रकाशन ने अपने माफ़ीनामे में लिखा है कि, ‘हम बिना शर्त के माफ़ी माँगते हैं। हमारे पेपर से संभवतः कुछ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस भूल के जिम्मेदार व्यक्ति पर हमने तत्काल एक्शन भी लिया है। हम प्रकाशित की गई सभी कॉपियों को फ़ौरन वापस मँगवा रहे हैं। इसके साथ ही इस पेपर को सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटवा भी रहे हैं। हम सबका सम्मान करते हैं। एक बार फिर से यदि किसी की भावनाएँ आहत हुई हों तो हम उनसे माफ़ी माँगते हैं।‘
लेकिन इस माफीनामे के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा। सोशल मीडिया पर लोग अब भी प्रकाशन के विरुद्ध कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।