कृषि कानून अच्छा परिणाम देने वाले, लेकिन कुछ संशोधन आवश्यक : किसान संघ
जयपुर, 4 दिसम्बर। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि जब से तीन कृषि व्यापार बिलों के मसौदे के बारे में पता चला तभी से भारतीय किसान संघ इस पहल का स्वागत करते हुए उसमें कुछ संशोधनों की मांग करता आ रहा है। चौधरी ने शुक्रवार को भारतीय किसान संघ कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक से भारतीय किसान संघ किसानों की उपज के देश भर में आवागमन के लिए एक देश-एक बाजार की आवश्यकता को उजागर करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी प्रक्रिया शुरू होने के बाद अपने शुरुआत के दौर में किसान हितैषी रही, लेकिन धीरे-धीरे वह किसानों के शोषण का एक जरिया बन गई। किसान संघ, कुछ अन्य किसान संगठन व कई सरकारी समितियां मंडी कानून में किसान हितों को ध्यान में रखते हुए सुधार की मांग करते आए हैं। देर से ही सही केंद्र सरकार ने एक देश-एक बाजार को और बगैर टैक्स के कृषि उपज को बेचने का कानूनी प्रावधान किया। जिसका हम स्वागत करते हैं।
चौधरी ने कहा कहा कि हाल ही में कुछ किसान संगठन इस कानून को वापस लेने की मांग पर आंदोलनरत हैं। भारतीय किसान संघ का मानना है कि देश में सिर्फ धान और गेहूं की फसल के किसान ही नहीं बल्कि अनेक प्रकार की खेती करने वाले किसान भी हैं। देश का सबसे बड़ा, सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी और गैर राजनीतिक किसान संगठन होने के नाते भारतीय किसान संघ का यह दायित्व है कि वह देश के सभी प्रकार के खेती किसानी के विषय को प्रमुखता से हर स्तर पर अंकित करे। इसलिए भारतीय किसान संघ मांग करता है कि ये कानून सभी किसानों के लिए कुछ अच्छा परिणाम देने वाले हैं, इनको वापस नहीं लिया जाए बल्कि इनमें कुछ संशोधनों की आवश्यकता है। ये संशोधन यथाशीघ्र किए जाएं।
अखिल भारतीय महामंत्री ने कहा कि देशभर की मंडियों के अंदर और उनके बाहर समर्थन मूल्य के नीचे कोई खरीदारी ना हो, निजी व्यापारियों का पंजीयन एक सरकारी पोर्टल के अंतर्गत हो और यह सभी के लिए उपलब्ध हो, व्यापारियों को बैंक गारंटी के माध्यम से किसान का भुगतान समय पर निश्चित किया जाए व इससे संबंधित विवादों के लिए स्वतंत्र कृषि न्यायालय की व्यवस्था हो और सब विवादों का निपटारा किसान के गृह जिले में ही हो। इस दौरान किसान संघ जयपुर प्रांत मंत्री वीरेंद्र चौधरी भी उपस्थित रहे।