बोल देना नशे में था, खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही कांग्रेस सरकार

बोल देना नशे में था, खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही कांग्रेस सरकार

बोल देना नशे में था, खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही कांग्रेस सरकारबोल देना नशे में था, खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही कांग्रेस सरकार

राजस्थान में मुस्लिम तुष्टीकरण चरम पर है। यहॉं पुलिस का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक हिस्ट्रीशीटर, जिहादी को गिरफ्तार कर ले जाते समय ऐसे हौंसला बंधा रही है, जैसे वह किसी प्रतियोगिता में जा रहा हो और वहॉं से देश के लिए मेडल जीतकर लाएगा। यहॉं बात हो रही है अजमेर के हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती की। हाल ही में उसका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह नूपुर शर्मा का गला काटकर लाने वाले को अपना घर देने की बात कह कर मुसलमानों को उकसा रहा था। यह वीडियो वायरल हुआ तो उस पर पुलिस केस हुआ और पुलिस को उसे गिरफ्तार करना पड़ा। अब गिरफ्तारी के समय का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें राजस्थान पुलिस सलमान चिश्ती को गिरफ्तार कर के ले जा रही है। साथ ही जाओकी आवाजें  रही हैं। वीडियो में कोई कहता है, “हम साथ में ही हैं, चिंता मत कर।साथ हीचलोचलो, बेफिकर रहकी आवाजें भी रही हैं। कोई पूछता है, “कौन सा नशा कर रखा था वीडियो बनाते समय?” इसके बाद एक पुलिस वाला सलमान चिश्ती को सलाह देता है किबोल देना, नशे में था।

इस मामले में पुलिस शुरू से ही अपराधी नशे में थाका एंगल देने के लिए प्रयासरत है ताकि केस को हल्का किया जा सके। अक्सर ऐसा देखने में आता है जब भी अपराधी मुसलमान होता है, तो उसके बचाव में उसे पागल, विक्षिप्त, मंद बुद्धि, नशे में होने के नैरेटिव सेट किए जाने लगते हैं। भले ही अपराधी स्वयं, परिजन या आस पास वाले उसे सामान्य बताते हों। लगता है सलमान चिश्ती के मामले में भी यही दांव खेला जा रहा है।

उल्लेखनीय है खादिम सलमान चिश्ती एक हिस्ट्रीशीटर है। उस पर 13 मामले दर्ज हैं।

तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अपने एक ट्वीट में कहा कि खादिम सलमान चिश्ती कह रहा है कि वो नशा नहीं करता, लेकिन इसके बावजूद राजस्थान पुलिस उससे कहती है, “बोल देना नशे में था, ताकि बचाया जा सके।

बोल देना नशे में था, खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही कांग्रेस सरकार

एक महिला की गर्दन पर इनाम रखने वाले व्यक्ति के साथ राजस्थान पुलिस की सहानुभूति दिखा रही है कि वह सरकार के कितने दबाव में है। राज्य के लिए यह तुष्टीकरण ठीक नहीं।

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