पंचांग 2 नवम्बर 2020
पंचांग 2 नवम्बर 2020
सुविचार
दिनयामिन्यौ सायं प्रातः,शिशिरवसन्तौ पुनरायातः।
कालः क्रीडति गच्छत्यायुस्तदपि न मुन्च्त्याशावायुः॥
भावार्थ :
दिन और रात, शाम और सुबह, सर्दी और बसंत बार-बार आते-जाते रहते हैं काल की इस क्रीड़ा के साथ जीवन नष्ट होता रहता है पर इच्छाओं का अंत कभी नहीं होता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।