पुस्तक समीक्षा – स्वामी विवेकानंद समग्र जीवन दर्शन
प्रीति शर्मा
विवेकानंद केंद्र हिंदी प्रकाशन विभाग जोधपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तक प्रोफेसर शैलेंद्र नाथ धर के लेखन में तीन खंडों में स्वामी विवेकानंद के संपूर्ण जीवन का उत्कृष्ट चित्रण है। यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के जीवन और कार्य का एक सरल और तटस्थ मूल्यांकन करती है। पुस्तक में विषय वस्तु की पृष्ठभूमि तथा तात्कालिक महत्व के साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक परिस्थिति एवं श्री रामकृष्ण का स्वामी विवेकानंद के निर्माण में योगदान स्पष्ट रूप से अंकित है। पुस्तक में समग्र शब्द के तात्पर्य को समस्त विषयों को सम्मिलित करके स्पष्ट किया गया है। स्वामी जी का तत्वज्ञान या आध्यात्म शास्त्र की मीमांसा के साथ-साथ उनके वक्तव्य तथा लेखन को भी पुस्तक में पूर्ण महत्व दिया गया है। पुस्तक विभिन्न ऐतिहासिक एवं भौगोलिक संदर्भों के साथ स्वामी जी के काल में स्थान और स्थिति विशेष का उल्लेख करती है। दक्षिणेश्वर में स्वामी जी द्वारा श्री रामकृष्ण से पहली भेंट, उनका काली माता को स्वीकार करना तथा उनका निर्विकल्प समाधि का अनुभव आदि रोचक तथ्य के समावेशन के साथ पुस्तक पाठकों के लिए अत्यंत रोचक सिद्ध होगी, जिससे पाठक गण देश तथा समाज हित में अपने कर्तव्यों को और अधिक उत्साह के साथ करने के लिए प्रेरित होंगे।