अद्वैत की वैज्ञानिकता और स्वामी विवेकानंद

प्रीति शर्मा

श्री विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी द्वारा लिखित एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा प्रकाशित पुस्तक – अद्वैत की वैज्ञानिकता और स्वामी विवेकानंद लेखक द्वारा स्वामी विवेकानंद तथा अद्वैत की वैज्ञानिक व्याख्या अद्भुत प्रयोग है। यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के डेढ़ सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में उनके विचारों को सूत्र बंद करके सहज, सरल और सुरुचिपूर्ण ढंग से विचार मणिकर्णिका में पिरो कर प्रस्तुत की गई है। उनके इस प्रयास से नवीन पीढ़ी को अद्वैत की वैज्ञानिकता का सहज अनुभव होगा तथा अपने पूर्वजों की अतुलनीय ज्ञान संपदा के भंडार पर गौरवान्वित करने वाली यह पुस्तक भारतीय पक्ष को पुनः दृढ़ता पूर्वक स्थापित करेगी।

80 पृष्ठों की यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद तथा विज्ञान के संबंध को उनके विचारों में प्रस्तुत करती है जिनमें धर्म की आवश्यकता का वैज्ञानिक आधार स्वामी विवेकानंद द्वारा दी गई विश्व धर्म की अवधारणा और माया का विज्ञान जैसी व्याख्या निहित है। यह पुस्तक भारतीय परंपरा की वैज्ञानिकता एवं स्वामी विवेकानंद के इस संबंध में विचारों को समझने में सहायक होगी।इस पुस्तक में संकलित लेखों में स्वामी जी के विज्ञान संबंधी विचारों के प्रायः सभी पहलू आ गए हैं साथ ही स्वामी जी के जीवन एवं संदेश से विज्ञान संबंधी अनेक प्रेरणादायक संस्मरणों का संकलन भी इसमें किया गया है। यह पुस्तक प्रत्येक वर्ग के लिए सुरुचिकर सिद्ध होगी।

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