बाड़मेर के हिंगलाज माता मंदिर में नवरात्रों पर धार्मिक आयोजनों पर सरकारी रोक
बाड़मेर के हिंगलाज माता मंदिर में नवरात्रों पर धार्मिक आयोजनों पर सरकारी रोक
राजस्थान में जैसे ही कोई हिन्दू त्योहार आता है, यहॉं की कांग्रेस सरकार उसे हिन्दुओं के लिए प्रतिबंधित करने का कोई न कोई बहाना खोज ही लेती है। अब नवरात्रों में शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर सरकार ने बाड़मेर के सिवाना स्थित हिंगलाज माता मंदिर में धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को पुलिस ने इस हेतु एक नोटिस जारी किया है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष लेखराज खत्री को जारी इस नोटिस में लिखा है कि, “चूंकि हिंगलाज माता मंदिर को लेकर खत्री समाज में आपस में विवाद चल रहा है। इसलिए नवरात्रों या अन्य दिनों में (निस्तारण होने तक) हिंगलाज माता मंदिर के अधिकारी कोई भी धार्मिक गतिविधि नहीं करेंगे। यदि अधिकारी त्योहार के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं, तो उन्हें पुलिस से आधिकारिक अनुमति लेनी होगी। अनुमति के अभाव में, अधिकारियों को इस संबंध में पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”
मामले को लेकर भाजपा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने ट्वीट किया कि, “हिन्दुओं के लिए एक काला दिन। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने फर्जी बहाने से भारत के सबसे बड़े हिंगलाज माता मंदिर बाड़मेर में सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। जो बवेजा और शहबाज ने बलूचिस्तान हिंगलाज माता मंदिर के साथ नहीं किया, गहलोत ने राजस्थान में किया। जितना हो सके विरोध करें।”
अब सरकारी नोटिस के अनुसार, खत्री समाज में विवाद का कारण जो भी हो, सरकार ने एक बार फिर हिन्दू समाज को उसकी परम्पराओं से दूर करने का कारण तो ढूंढ ही लिया।सरकार भी जानती है कि नवरात्र भारत के सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले उत्सवों में से एक है। पूरा हिन्दू समाज इसे नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हुए मनाता है। इन नौ दिनों में हिंगलाज माता मंदिर में माता के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहॉं पहुंचते हैं। दिन–भर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता रहता है। इसे हिंगलाज माता शक्तिपीठ (जो कि पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में है) के दूसरे मंदिर के रूप में मान्यता प्राप्त है। फिर भी सरकार ने मंदिर में धार्मिक गतिविधियां प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया है।
यह सही है कि, कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन किसी समाज में आपसी विवाद का बेतुका कारण बताकर मंदिर में धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाना और हिन्दुओं को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित करना तो सरकार की अब तक की नीतियां देखते हुए मुस्लिम वोट बैंक को साधने का मामला ही अधिक लगता है।