बीज से कमल उगाएं और घर की बगिया में चार चांद लगाएं
डॉ. शुचि चौहान
यह एक जलीय पौधा है। इसके फूल जितने सुंदर होते हैं पौधा भी उतना ही सुंदर होता है। कमल के फूलों व हरे हरे पत्तों से भरा कंटेनर लॉन की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। बीज से कमल उगाना बहुत ही आसान है। इसके बीज पंसारी या पूजन सामग्री विक्रेताओं के पास आसानी से मिल जाते हैं। इनसे 8-10 बीज ले आइए।
बीज को हाथ में लेने पर आप देखेंगे इसके एक सिरे पर दाने जैसा उभार है। प्रत्येक बीज के इस सिरे को सैंड पेपर पर रगड़ें। इससे इसका काला खोल घिस जाएगा और अंदर से सफेद बीज दिखाई देने लगेगा। सारे बीजों को ऐसे ही घिसकर साफ पानी से भरे कंटेनर में डाल दें। तीन चार दिनों में बीज अंकुरित हो जाएंगे। कंटेनर का पानी प्रति दिन बदलें। दस दिनों में पत्ते आ जाएंगे और पंद्रह दिनों में जड़ें दिखने लग जाएंगी। लगभग 25 दिनों में पौधे मिट्टी में लगाने के लिए तैयार हो जाएंगे।
कंटेनर व मिट्टी
अब लगभग दस इंच गहरा और इतना ही चौड़ा एक कंटेनर लीजिए। उसमें आठ इंच तक या तो कुम्हार से लाई बर्तन बनाने वाली चिकनी मिट्टी या फिर 40% वर्मीकम्पोस्ट, 40% मिट्टी और 20% रेत का मिश्रण भर दीजिए। चिकनी मिट्टी / मिश्रण को अच्छी तरह से गीला करने के बाद 3 से 4 पौधों को मिश्रण की ऊपरी सतह में दबा दीजिए। फिर इस कंटेनर को कम से कम 18 इंच गहरे किसी दूसरे कंटेनर में रखें और इसे पानी से भर दें। पानी में क्लोरीन नहीं होना चाहिए।
अगले 25-30 दिनों में ढेर सारी पत्तियां आ जाएगी और ये कंटेनर की सतह को कवर कर लेंगी। दो माह बाद आधा चम्मच 19:19:19 डालें। पौधे को धूप में रखें। जब पौधे में एरियल पत्तियां निकलनी शुरू हो जाएं तो समझ लीजिए आपके पौधे में फूल आने वाले हैं।
कंटेनर के पानी में मच्छर के लार्वा पैदा होने की समस्या रहती है। इसके लिए लार्वा खाने वाली मौली प्रजाति की दो तीन मछलियां डाली जा सकती हैं। कमल के पौधों को सर्दी बिल्कुल पसंद नहीं। तेज सर्दी के दौरान इनकी ग्रोथ रुक जाती है। इसलिए सर्दियों के दौरान इन्हें ऐसे स्थान पर रखें जहॉं धूप अधिक देर तक रहती हो। रात में कंटेनर को ढंक सकते हैं।