राम नाम की एक ईंट हमारी भी, श्रमिकों ने स्वयं बुलाकर राशि समर्पित की
अर्पण, तर्पण और संघर्ष का संकल्प है राम मंदिर
प्रेरक प्रसंग -3
सरदारशहर। रविवार को वार्ड नं 25 की विश्वकर्मा बस्ती में कार्यकर्ता श्याम और नीतीश की टोली रात्रि में घर घर निधि समर्पण के लिए निकली हुई थी। एक गली में घर के बाहर तीन श्रमिक कुई खोदने का कार्य कर रहे थे। टोली के सदस्यों ने उन्हें काम करते देखा लेकिन बिना उनसे सम्पर्क किये आगे बढ़ गए। तभी उनमें से एक श्रमिक ने उत्सुकतावश आवाज लगाकर उन्हें अपने पास बुलाया और रात्रि के समय इस प्रकार समूह में घर घर जाने का कारण पूछा, तो टोली के सदस्यों ने राम मंदिर के लिए निधि समर्पण के अभियान के बारे में जानकारी दी। इस विषय की जानकारी मिलने पर कुई खोदने वाले ढाणी पांचेरा ग्राम के श्रमिक रामचंद्र ने भी राम मंदिर के लिए निधि समर्पण की इच्छा व्यक्त की और कुई खोदने का कार्य बीच में रोक कर 10 फ़ीट गहरी कुई से बाहर निकलकर अपनी सामर्थ्य अनुसार निधि समर्पित की और बोले राम तो सबके हैं, उन्होंने शबर%5 को उपकृत किया तो अहिल्या का उद्धार किया। मंदिर में राम नाम की एक ईंट तो हमारी भी लगनी चाहिए, इससे हमारा जन्म भी सफल हो जाएगा।
एक मजदूरी करने वाले व्यक्ति के द्वारा स्वप्रेरणा से और बुलाकर इस प्रकार के समर्पण से टोली के सदस्य भाव विभोर हो गये। दैनिक मजदूरी करने वाले तीनों श्रमिकों – रामचन्द्र, कालूराम व गोपी से कुल 150 रुपये की राशि का श्रद्धा समर्पण प्राप्त हुआ। अब टोली के सदस्य बिना उनसे संपर्क किए सीधे निकल जाने पर पछतावे का अनुभव करने लगे।