राम मंदिर निर्माण के लिए नींव में लगेगी अलवर के भर्तृहरि सहित पांच मंदिरों की मिट्टी

राम मंदिर निर्माण के लिए नींव में लगेगी अलवर के भर्तृहरि सहित पांच मंदिरों की मिट्टी

मनीष बावलिया

राम मंदिर निर्माण के लिए नींव में लगेगी अलवर के भर्तृहरि सहित पांच मंदिरों की मिट्टी

अलवर, 23 जुलाई। अयोध्या में 5 अगस्त को भव्य श्री राम मंदिर निर्माण की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी जाएगी। जिसका सौभाग्य अलवर जिले के मंदिरों को भी प्राप्त हुआ है। इस दौरान महाराज भर्तृहरि की तपोभूमि सहित अन्य पांच मंदिरों की पवित्र रज (मिट्टी) को मंदिर की नींव रखने के उपयोग में लिया जाएगा। इसके लिए मंदिरों से एक मुठ्ठी मिट्टी विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी जयपुर लेकर गए है।

विहिप के जिलाध्यक्ष केशव चंद शर्मा ने बताया कि प्रांत संगठन मंत्री राजाराम और प्रांत सह मंत्री राजेश सवाईका, जिला मंत्री केशवराम धाकड़ के साथ महाराजा भर्तृहरि मंदिर पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने मंदिर के महंत अशोक से मुलाकात कर कार्यक्रम की जानकारी दी। इसके बाद महंत अशोक ने पदाधिकारियों को अलवर जिले के महाराजा भर्तृहरि की तपोभूमि की एक मिट्टी सौंपी। इसके अलावा राजगढ़ के गोविंद देव जी महाराज मंदिर, श्रीजगदीश जी मंदिर व अलवर शहर महल चौक स्थित श्री सीताराम जी महाराज मंदिर, सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ जी मंदिर से भी मिट्टी ली गई है।

मंदिरों की मिट्टी को कल भेजा जाएगा अयोध्या

प्रांत संगठन मंत्री ने बताया कि राजस्थान के प्रमुख मंदिरों से मिट्टी जयपुर में एकत्रित की गई है। शुक्रवार को जयपुर में विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय पर कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसके बाद मिट्टी को अयोध्या राम मंदिर की नींव पूजन के लिए भेजा जाएगा।

121 प्रमुख मंदिरों से एकत्रित की मिट्टी

प्रांत संगठन मंत्री राजाराम ने बताया कि राजस्थान के मुख्य तीर्थ स्थान जिनकी अखिल भारतीय व राज्य स्तरीय पहचान है। जिनमें प्रमुख जयपुर के गलताजी पीठ, गोविंद देव जी, गढ़ गणेश जी, आमेर भवानी, सिंधी समाज के अमरापुर धाम, डिग्गीपुरी के कल्याण जी, धुआंकला टोंक के धन्ना भगत, रणथम्भोर के गणेश जी, करोली के केला देवी, मदन मोहन जी, महावीर जी, मेंहदीपुर बालाजी, अलवर से महाराजा भर्तृहरी, त्रिवेणी धाम -शाहपुरा, झुंझुनू-रानी सती, सालासर बालाजी, खाटूश्याम जी, जीण माता जी, रेवासा पीठ, साम्भर के सरोवर, नरेना के दादूदयाल धाम आदि प्रमुख 121 स्थानों से मिट्टी एकत्रित की गई है।

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