विजयदशमी पर पारम्परिक शस्त्र पूजन में जुड़ेंगे स्वयंसेवक, नहीं होगा पथ संचलन
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जयपुर 14 अक्टूबर। कोरोना गाइडलाइन के अनुसार विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएँ इस बार बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम व पथ संचलन के स्थान पर सीमित संख्या में विजयदशमी उत्सव का आयोजन करेंगी। विजयदशमी उत्सव में 200 से कम उपस्थिति रखी जाएगी। भारत में विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन का आयोजन परंपरा से होता आया है। संघ स्थान पर शस्त्र पूजन और शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन होगा। घोष वादक देशभक्ति पूर्ण रचनाओं का वादन करेंगे। हर बार संघ विजयादशमी पर पथ संचलन निकालता है, जिसकी पूर्व सूचना प्रशासन को देता है। इस बार कोरोना की विशेष परिस्थिति के कारण प्रशासन से पथ संचलन निकालने की पूर्व अनुमति मांगी थी। अनुमति नहीं होने के कारण इस विजयदशमी पर इस बार पथ संचलन के बजाय संघ स्थान पर ही संचलन और प्रदक्षिणा संचलन रहेगा।
जयपुर महानगर में चार भाग और 29 नगर हैं। नगर योजनानुसार अनुसार प्रातः अथवा सायंकाल 31 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। सभी स्थान पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा उद्बोधन भी होगा। महेश नगर में संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांतरंजन और करधनी नगर में क्षेत्रीय प्रौढ़ कार्य प्रमुख कैलाश चन्द्र का उद्बोधन होगा।
जयपुर प्रांत के कार्यवाह गेंदालाल ने कहा कि विजयदशमी उत्सव शक्ति उपासना का पर्व है। संघ की शाखाएं इसी रूप में इसे मनाती रही हैं। शक्ति की आराधना का पर्व होने के कारण संघ शाखाओं के 6 उत्सवों में विजयदशमी का उत्सव सम्मिलित है। यह उत्सव पूर्ण गणवेश में मनाया जाता है।उल्लेखनीय है कि संघ के सरसंघचालक इस दिन नागपुर की शाखा से बौद्धिक देते हैं, जो पूरे देश में स्वयंसेवकों के साथ ही बौद्धिक जगत में भी व्यापक तौर पर सुना जाता है। इस बौद्धिक में सरसंघचालक द्वारा समाज की समकालीन परिस्थितियों का आंकलन एवं स्वयंसेवक व समाज द्वारा करणीय कार्यों पर उद्बोधन होता है। नागपुर से इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण RSSorg के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर होगा।