ओवैसी के विधायक को हिंदुस्तान शब्द से आपत्ति
ओवैसी बंधु अक्सर हिंदू और हिंदुस्तान विरोधी भाषणों व बयानों से चर्चा में रहते हैं। देखा जाए तो उनकी राजनीति ही हिंदू विरोध पर आधारित है। वे कभी दस मिनट के लिए पुलिस बल हटाकर अंजाम देख लेने की धमकी देते हैं तो कभी संख्या बल के आधार पर शरीयत की वकालत करते हैं। अब बिहार में पांच सीटों पर विजयी रही ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक विधायक को हिंदुस्तान शब्द से आपत्ति है। बात 17वीं बिहार विधानसभा के शपथ ग्रहण समारोह की है। पार्टी के विधायक अख्तरुल इमान उर्दू में शपथ लेना चाहते थे। शपथ पत्र में हिन्दुस्तान शब्द लिखे होने पर उन्होंने आपत्ति जताई, वह इसकी जगह भारत बोलने पर अड़े रहे। इस पर प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने इमान को भारत बोलकर ही शपथ लेने की अनुमति दे दी।
भारत में राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने वाले मजहबी कट्टरपंथियों की संख्या कम नहीं है। अब तक इन्हें राष्ट्रगान और वंदे मातरम गाने, तिरंगा फहराने और भारत माता बोलने में ही तकलीफ थी लेकिन अब इन्हें हिंदुस्तान बोलने में भी आपत्ति है। ऐसे जन प्रतिनिधि जिनकी मानसिकता ही इतनी साम्प्रदायिक है वे क्षेत्र की जनता के साथ मजहबी भेदभाव नहीं करते होंगे ऐसा कैसे माना जा सकता है। मजे की बात ऐसी आपत्तियों को विवादास्पद कहकर छोड़ दिया जाता है। न इन पर कोई बहस होती है न ही ऐसे लोगों पर कोई एक्शन लिया जाता है।
शपथ ग्रहण समारोह में जन प्रतिनिधियों ने हिन्दी, मैथिली, उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी अलग अलग भाषाओं में शपथ ली।
कदवा से जीतकर आए शकील अहमद खान ने संस्कृत भाषा में शपथ ली।