संघ को बदनाम करने की साजिशः फेक न्यूज फैक्ट्री का षड्यंत्र उजागर

एक ओर संघ के स्वयंसेवक दिन-रात परिश्रम करके स्वयं के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लाॅकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की सेवा में जुटकर समाज के वंचित वर्ग की मदद में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर समाज विरोधी अराजक तत्व संघ की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री वायरल करके समाज में नकारात्मकता फैला रहे हैं। कुत्सित मानसिकता के ये अराजक तत्व कोरोना काल में परेशानी झेल रहे समाज के लोगों की मदद करने की बजाय सोशल मीडिया पर आए दिन संघ व अच्छे कार्य करने वाले संगठनों को बदनाम करने में जुटे हैं।

मंगलवार को सेक्युलर जमात की आईटी सेल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत के हवाले से एक फेक न्यूज कटिंग तैयार कर उसे सोशल मीडिया में वायरल किया है। जिसे अपने आप को संविधान के रक्षक कहने वाले लोग सोशल मीडिया पर बेतहाशा प्रचारित करके संघ की नकारात्मक छवि फैला रहे हैं। हालांकि सरसंघचालक ने ऐसा कोई बयान आज तक कहीं नहीं दिया। इसका स्पष्टीकरण जारी करते हुए संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत जी के नाम पर सोशल मीडिया में एक फेक न्यूज चल रही है। पू.सरसंघचालक जी ने ऐसा कोई वक्तव्य नहीं दिया है। यह समाज तोड़ने वाली शक्तियों का अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समाज में अनास्था, अराजकता और समाज को विघटित करने के प्रयास का एक षड्यंत्र है।

मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला राजस्थान के कोटा जिले में सामने आया है। जहां दो लोगों ने इस फेक न्यूज कटिंग को फेसबुक पर पोस्ट कर, वाट्सएप ग्रुप में भी वायरल किया। “बौद्ध मय भारत” नामक सोशल मीडिया ग्रुप में एक महिला ने नई दिल्ली में कथित तौर पर प्रकाशित ‘कोरोना ने तोड़ी मेरी धर्म में आस्था – मोहन भागवत’ शीर्षक कटिंग पोस्ट की। कटिंग पोस्ट करते ही कोटा से संघ जुड़े एक कार्यकर्ता ने महिला से संपर्क साधा और उनसे समाचार की कटिंग की सच्चाई के बारे में जानने का प्रयास किया। समाचार की विश्वसनीयता पर संदेह होने लगा। स्वयंसेवक से फोन पर बातचीत में महिला ने यह तो स्वीकार किया कि उन्हें यह कटिंग सोशल मीडिया से ही मिली है। ऑडियो में महिला बता रही हैं कि- मैंने जब पोस्ट पढ़ी तो अच्छी लगी, इसमें मोहन भागवत ने अच्छा लिखा है, मैंने सोचा अच्छी बात है तो मैंने इस पोस्ट को वायरल कर दिया। पोस्ट का प्रमाण मांगने पर महिला निरुत्तर हो जाती है। हालांकि महिला दावा कर रही है उसके पास किसी ग्रुप में यह पोस्ट आई थी। जब महिला से कटिंग वाली पोस्ट के ग्रुप एडमिन के खिलाफ कार्रवाई और मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाने की चेतावनी दी गई तो महिला घबरा गई। महिला ने ग्रुप एडमिन का नाम तो नहीं बताया, लेकिन अपनी पोस्ट हटाकर डिलीट करने की बात स्वीकार ली।

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