संघ की प्रतिनिधि सभा में राममंदिर और कोविड पर प्रस्ताव पारित

संघ की प्रतिनिधि सभा में राममंदिर और कोविड पर प्रस्ताव पारित

संघ की प्रतिनिधि सभा में राममंदिर और कोविड पर प्रस्ताव पारित

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक का आयोजन बेंगलुरु में भारतमाता के पूजन के साथ हुआ। बैठक की शुरुआत सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने की। बैठक में भाग लेने के लिए देशभर से प्रतिनिधि बेंगलुरु पहुंचे थे। बैठक में संघ के द्वारा एक वर्ष में सभी प्रांतों में होने वाले कार्यों को लेकर अलग- अलग सत्र में विस्तार से चर्चा की गई।

संघ की प्रतिनिधि सभा को लेकर आज सभी के मन में जिज्ञासा का भाव रहता है। देशभर में शाखाओं का विस्तार और देशभर में हिंदू समाज तक संघ के विचारों को पहुंचाने को लेकर मंथन किया गया।

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में दत्तात्रेय होसबाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह निर्वाचित हुए। संघ कार्य के विस्तार पर उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में भारत में संघ कार्य को शेष रहे मंडल व बस्ती तक पहुंचाने की योजना है। उन्होंने कहा कि कार्य विस्तार, समाज परिवर्तन, वैचारिक प्रबोधन, तीनों पर काम करते हुए आगे बढ़ेंगे।

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में दो प्रस्ताव पारित हुए, पहला प्रस्ताव श्रीराम मंदिर तथा दूसरा प्रस्ताव कोविड महामारी के सम्मुख एकजुट खड़े भारत पर पारित हुआ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती के संदर्भ में भारतीय समाज के उल्लेखनीय, समन्वित और समग्र प्रयासों को संज्ञान में लेते हुए और इसके भीषण परिणामों के नियंत्रण के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए सभी का हार्दिक अभिनंदन किया गया।

महामारी और उसके हानिकारक परिणामों के समाचार आने के बाद से केंद्र और राज्यों का शासन और प्रशासन तन्त्र तुरंत सक्रिय हुआ। जनसामान्य को इस रोग के लक्षण और उससे बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों से अवगत कराने के लिए देशभर में वृहद् जनजागरण के कार्य हुए।

कोरोना जांच और रुग्ण सेवा के कार्य में संलग्न सभी चिकित्सकों, नर्सों, अन्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कर्मियों ने चुनौती को स्वीकार किया एवं अपने जीवन को खतरे में डालकर भी वे कार्य में जुटे रहे। समाज के अनेक वर्गों जैसे सुरक्षा बल, शासकीय कर्मी, आवश्यक सेवाओं तथा वित्तीय संस्थाओं से जुड़े कर्मियों सहित, संगठित तथा असंगठित क्षेत्र से संबंधित अनेक समूहों की सक्रियता के कारण ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दैनंदिन जीवन का प्रवाह सामान्यतः अबाधित रूप से चलता रहा। ये सभी कार्य और विभिन्न शासकीय विभागों के द्वारा किए गए समन्वित प्रयास यथा ‘‘श्रमिक ट्रेन’’, ‘‘वंदेभारत मिशन’’ और वर्तमान में चल रहा ‘‘कोविड टीकाकरण अभियान’’ भी सराहनीय रहा।

विविध धार्मिक, सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों तथा सामान्य जनों ने जरूरतमंदों के घर-घर तक पहुँच कर उन्हें आवश्यक सहयोग दिया। अ.भा. प्रतिनिधि सभा ने ऐसी सभी संस्थाओं तथा व्यक्तियों द्वारा किए गए उनके निःस्वार्थ एवं आत्मीयतापूर्ण व्यवहार के प्रति अपना साधुवाद व्यक्त किया।

श्रीराम मंदिर पर पारित प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए होसबाले ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के सर्वसम्मत निर्णय, तत्पश्चात् श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र’ का गठन, अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने हेतु किया गया अनुष्ठान एवं निधि समर्पण अभियान भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम पृष्ठ बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा। जब तीर्थ क्षेत्र ने निधि संग्रह का अभियान लिया तो मंदिर आंदोलन में सहयोगी रहे संघ के स्वयंसेवकों ने सहयोग किया। इस अभियान के दौरान समाज का सहयोग और उत्साह ऐतिहासिक था। जहां स्वयंसेवक नहीं पहुंच पाए तो वहां के लोगों ने संपर्क करके स्वयं बुलाया। भारत में रहने वाले श्रीराम के साथ किस प्रकार जुड़े हैं, यह इस अभियान से सिद्ध हो गया।

राजस्थान में संघ कार्य के प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए डॉ. रमेश अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में कुल 2634 मंडल, 910 बस्तियों में 7497 शाखाएं, मिलन 464 और 864 संघ मंडली चल रही हैं।

डॉ. रमेश अग्रवाल ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से संघ एक नए अभियान की शुरुआत कर रहा है। खेती की भूमि में रासायनिकों के प्रयोग से फसलें प्रभावित होती हैं। इसलिए भूमि सुपोषण अभियान की शुरुआत होगी। इसके माध्यम से भूमि सुधार के कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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