पिछड़ी बस्तियों को स्वावलम्बी बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम चला रही सेवा भारती
है ध्येय हमारा दूर सही, पर साहस भी तो क्या कम है।
हमराह अनेकों साथी हैं, क़दमों में अंगद का दम है।
हमारा समाज समरस और स्वावलम्बी हो, यह भावना ही है जो सेवा भारती के कार्यकर्ताओं को थकने नहीं देती। वे इसी ध्येय का भाव लिए प्रतिदिन अपने कर्तव्य पथ पर निकल पड़ते हैं। ऊंची अट्टालिकाओं और विकसित कॉलोनियों के आस पास ही हमें कुछ ऐसी बस्तियां भी देखने को मिलती हैं जहॉं के लोगों के पास जीविकोत्पार्जन का कोई निश्चित माध्यम नहीं होता। ये कार्यकर्ता इन लोगों को स्वावलम्बन के गुर सिखाते हुए आत्मनिर्भरता के मायने सिखाते हैं। इन बस्तियों में शिक्षा, साफ सफाई के साथ ही कई तरह के हुनर सिखाए जाते हैं।
पिछले दिनों 13 दिसम्बर को सेवा भारती कोटा ने ऐसी बस्तियों की महिलाओं के लिए एक कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें सेवा भारती समिति राजस्थान के संस्कार केंद्र एवं प्रशिक्षण प्रमुख गोविंद शाह ने धूपबत्ती बनाने, पताकाएं एवं बनियान सिलने का प्रशिक्षण दिया।
इसी तरह सेवा भारती सूरतगढ़ द्वारा पूर्वांचल बस्ती में चलाये जा रहे किशोरी स्वावलंबन केंद्र में किशोरियों को शिक्षा के साथ ही मेंहदी एवम् सिलाई का कार्य भी सिखाया जा रहा है। स्कूलों में छुट्टियों के चलते छोटी छोटी बच्चियां भी इस केंद्र पर आ रही हैं। प्रशिक्षण के दौरान इन बच्चियों ने अपने नन्हें नन्हें हाथों से बटन लगाना सीखा।
सेवा भारती बस्सी जिले की पालड़ी मीणा इकाई ने आंखों से दिव्यांग एक जरूरतमंद महिला को स्वरोजगार हेतु एक हाथ ठेला दिया।
सेवाभारती समिति श्रीडूंगरगढ़ द्वारा संचालित स्वावलंबन आयाम में झाड़ू प्रशिक्षण केन्द्र पर सेवाधाम छात्रावास के छात्रों को झाड़ू बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। यहॉं बनाई गई एक झाड़ू का वजन लगभग 400 ग्राम होता है जिसकी कीमत 80 रुपए है।
सेवा भारती के कार्यकर्ता इन बस्तियों को स्वावलम्बी बनाने के जितने प्रयास कर रहे हैं उतने ही सजग वो उनकी आवश्यकताओं को लेकर भी हैं। सर्दी को ध्यान में रखते हुए सेवा भारती की अनूपगढ़ इकाई ने वहॉं की सांसी सेवा बस्ती में वरिष्ठ समाजसेवी राकेश परनामी के सौजन्य से 30 महिलाओं तथा सिकलीगर सेवा बस्ती में ईंट भट्टा व्यवसायी प्रभू नागपाल के सहयोग से 40 महिलाओं व बच्चों को उपहार स्वरूप स्वेटर भेंट किए। इस दौरान बार संघ अध्यक्ष रमेश सारस्वत तथा व्यवसायी चंद्रपाल लखेसर उपस्थित रहे।