हिन्दू धर्मग्रंथों का अपमान करने वाला केबीसी हिन्दू समाज से क्षमा मांगे

हिन्दू धर्मग्रंथों का अपमान करने वाला केबीसी हिन्दू समाज से क्षमा मांगे

हिन्दू धर्मग्रंथों का अपमान करने वाला केबीसी हिन्दू समाज से क्षमा मांगे

सोनी टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति- सीजन 12 कार्यक्रम प्रसारित हो रहा है। इसके 30 अक्टूबर के एपिसोड ‘कर्मवीर विशेष’ में हिन्दू धर्मग्रंथ के संबंध में नकारात्मकता फैलाने वाला प्रश्‍न पूछकर हिन्दुआें की श्रद्धा का एक बार पुन: अपमान किया गया है।

कार्यक्रम के सूत्र संचालक अभिनेता अमिताभ बच्चन ने इस बार ‘25 दिसंबर 1927 को डॉ. बाबासाहब अंबेडकर और उनके अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाईं?’ -ऐसा प्रश्‍न पूछकर उसके उत्तर के लिए ‘विष्णुपुराण’, ‘भगवद्गीता’, ‘ऋग्वेद’ और ‘मनुस्मृति’ के विकल्प दिए। विचारणीय है कि इस प्रश्‍न से अमिताभ बच्चन और केबीसी क्या संदेश देना चाहते हैं? अमिताभ बच्चन ने जातिगत भेदभाव और अस्पृश्यता को वैचारिक दृष्टि से अनुचित साबित करने के लिए मनुस्मृति की आलोचना की और डॉ. अंबेडकर ने उसका दहन किया, यह बताते हुए समाज को भ्रमित करने का प्रयत्न किया। हिन्दू जनजागृति समिति ने इस घटना को गम्भीरता से लिया है। समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने इसकी तीव्र शब्दों में निंदा करते हुए केबीसी और अमिताभ बच्चन से हिन्दू समाज से क्षमा मांगने की मांग की है।

पिछले वर्ष भी केबीसी ने एक प्रश्न में भारत के रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज को मात्र शासक और लुटेरे औरंगजेब को मुगल सम्राट बताते हुए हिन्दू राष्ट्र पुरुष का अपमान किया था।

केबीसी ने हिंदू राष्ट्र पुरुष का किया अपमान

अब पुनः हिन्दू धर्मग्रंथ से संबंधित अनुचित जानकारी देते हुए मनुस्मृति का अपमान किया है। 1927 में संविधान के रचयिता बाबासाहब अंबेडकर ने मनुस्मृति का दहन किया था; परंतु इसके उपरांत अर्थात 11 जनवरी 1950 को मुंबई के सिद्धार्थ महाविद्यालय की संसद में बोलते समय डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि मैंने जातीय निर्णय के लिए मनु का, तलाक के लिए पाराशर स्मृति का, स्त्रियों के अधिकार के लिए बृहस्पति का आधार लिया है तथा दायभाग पद्धति के उत्तराधिकारी अधिकार के लिए मनुस्मृति का आधार लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दहन करने से पूर्व उन्होंने मनुस्मृति ग्रंथ पढ़ा नहीं था।

लेकिन केबीसी ने पूरा सन्दर्भ दिए बिना यह प्रश्न पूछा और अमिताभ बच्चन ने भी डॉ. अंबेडकर ने ग्रंथ क्यों जलाया इसकी पूरी जानकारी नहीं दी। इससे एक बार फिर केबीसी की हिन्दू विरोधी वृत्ति सामने आई है। यदि हिन्दू धर्मग्रंथ बाबासाहब ने दहन किया, यह प्रश्‍न केबीसी में पूछा जाता है, तो हिन्दुआें के प्राचीन विश्‍वविद्यालय तक्षशिला, नालंदा और उनकी अमूल्य ग्रंथ संपदा किसने जलाकर स्थायी रूप से नष्ट कर दी? अफगानिस्तान के बामियान में बुद्ध की प्राचीन मूर्तियों का विध्वंस किस धर्मग्रंथ का अनुसरण करने वालों ने किया? ‘चार्ली हेब्दो’ पर आक्रमण करने वाले आतंकवादियों ने किस धर्मग्रंथ से प्रेरणा ली? इस प्रकार के अन्य पंथियों से संबंधित प्रश्‍न पूछने का साहस क्या केबीसी और अमिताभ बच्चन करेंगे?

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