अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता देश भर के शिक्षकों के लिए सुअवसर – प्रो. जे. पी. सिंघल

अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता देश भर के शिक्षकों के लिए सुअवसर – प्रो. जे. पी. सिंघल

अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता देश भर के शिक्षकों के लिए सुअवसर – प्रो. जे. पी. सिंघल

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से सम्बद्ध राज्यों के विद्यालय संगठनों की ऑनलाइन बैठक 29 अप्रैल, 2021 को अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी. सिंघल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। प्रारंभ में महासंघ के महिला संवर्ग की संयुक्त सचिव ममता डी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अ.भा. संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का उद्देश्य भारत में शिक्षा जगत के लेखन के क्षेत्र में भी देश के शिक्षकों को मंच देना है। उनकी विद्वता का लाभ उनके विचारों से प्राप्त लेख के माध्यम से उजागर होकर मिले क्योंकि देश में शिक्षा जगत के मूर्धन्य कलमकारों की कमी नहीं है। अतः समाज के समसामयिक मुद्दों पर विचार करने हेतु अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता 2021 का आयोजन किया जा रहा है। उसमें स्कूल शिक्षा के शिक्षकों हेतु 4 विषय रखे गए हैं – 1) शिक्षा के माध्यम से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ भावना को बढ़ाना, 2) ऑनलाइन शिक्षण की प्रभावशीलता, 3) बच्चों का समग्र विकास-मातृभाषा की भूमिका, 4) राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2021 क्रियान्वयन : अवसर और चुनौतियां।

प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु शिक्षकों को 100 रुपये की टोकन राशि का भुगतान कर ऑनलाइन पंजीकरण करना है। शोध पत्र की शब्द सीमा 3000 से 5000 शब्द है, पत्र लेखन हिंदी, अंग्रेजी या मातृभाषा में कर सकते हैं और 31 मई 2021 तक सबमिट करना है। इसमें 21,000 रु का पहला, 15000 रु का दूसरा, 11000 रु का तीसरा और 5100 रु के सात सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।

प्रतियोगिता में देश के राज्यों से जिले, तहसील और विद्यालय तक किस तरह हमें मंडल बनाकर हर एक शिक्षक भाई-बहन के पास जाना है और शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता में पंजीकरण कैसे करना है, इस बारे में सटीक जानकारी प्रदान की।

अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी. सिंघल ने बताया कि कोरोना काल में हम सब राज्य संगठन अपने-अपने क्षेत्र में संगठन स्तर पर एवं इस आपदा से निपटने के लिए सरकार स्तर पर किए जा रहे कार्यों में पूर्ण मनोयोग से सावधानी रखते हुए, कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सकारात्मक भाव से अपनी भूमिका निभाएं।

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना लागू करने, पूर्व वेतनमान में रही विसंगतियों को दूर करने, हजारों रिक्त पद होने से छात्रों के अहित सहित कुछ समस्याएं उपस्थित हैं, जिसके कारण उत्पन्न परेशानी एवं निराकरण के उपायों के बारे में व्यापक चर्चा बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में शैक्षिक महासंघ के अखिल भारतीय अधिकारी एवं विभिन्न राज्यों के अध्यक्ष, महामंत्री एवं संगठन मंत्री उपस्थित थे। बैठक का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री शिवानन्द सिन्दनकेरा एवं आभार माध्यमिक संवर्ग के उपाध्यक्ष पी. वेंकट राव ने प्रकट किया।

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