नई शिक्षा नीति से पूरा होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना : डॉ. शैलेन्द्र

नई शिक्षा नीति से पूरा होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना : डॉ. शैलेन्द्र

नई शिक्षा नीति से पूरा होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना : डॉ. शैलेन्द्र

— एबीवीपी जयपुर प्रांत का 56वां अधिवेशन सम्पन्न
— 22 जिलों के 200 कार्यकर्ता शामिल हुए

सीकर, 11 जनवरी। अखिल भारतीय​ विद्यार्थी परिषद जयपुर प्रांत का 56वां प्रांत अधिवेशन रविवार को सीकर के सांवली रोड स्थित आदर्श विद्या मंदिर में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन के अंतिम सत्र में दो प्रस्ताव पारित किए गए। एक प्रस्ताव राजस्थान की बदहाल दशा व दूसरा वर्तमान में राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था को लेकर था। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति, रोजगार और कृषि के मुद्दों को लेकर भी चर्चा हुई। सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र ने कहा कि भारत विश्व गुरु है। दुनिया को भारत चौथी महाशक्ति के रूप में नजर आने लगा है। भारत का महाशक्ति बनना दुनिया में शांति का मार्ग खोलने जैसा है। भारत जन शक्ति के रूप में खड़ा होता है तो पडोसी देश भी राहत महसूस करेंगे। अब डुप्लीकेशन का समय खत्म हो गया है। भारत को भारत की पहचान के साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है। योग को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया। भारत केंद्रित शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना साकार हो गई। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भारत का नहीं विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। राम मंदिर पर बोलते हुए प्रांत प्रचारक ने कहा कि 492 साल के लंबे संघर्ष के बाद राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का दशक पुराना सपना पूरा हो रहा है। हम सब के लिए सौभाग्य की बात है कि हम इस जीवन काल में प्रत्यक्ष रूप से इसके साक्षी बन रहे हैं। आज पूरे विश्व में भारत के विचारों का डंका बज रहा है। भारतीय धर्म से ज्यादा व्यक्ति महत्वपूर्ण है। संपूर्ण विश्व में हिंदुओं का परचम लहराएगा भारत विश्व गुरु बनेगा।

अधिवेशन को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत ने कहा 1924 में वामपंथ का उदय हुआ। लेकिन उन्होंने युवाओं को भटकाया। लोगों को भम्र में रखा। इसलिए वे अब छुटमुट बचे हैं। वामपंथ के बाद संघ की स्थापना हुई। संघ का दुनिया में डंका बज रहा है। लोग हमारे साथ खड़े हैं। हमें भी लोगो के साथ चलना पड़ेगा। देश को बदलना पड़ेगा। आने वाला समय भारत का है। अब भी हम शांति से बैठे तो हम जैसा कोई मूर्ख नहीं होगा। उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति के जरिए आत्मनिर्भर भारत का सपना निश्चित तौर पर पूरा होगा। नई शिक्षा नीति में देश की भाषाओं को विशेष महत्व दिया गया है, जो एक ऐतिहासिक कदम है। इससे भारत नौकरी मांगने वालों में नहीं, नौकरी देने वालों में शामिल है। गांव में उद्योग लगने का मार्ग भी इससे खुल सकेगा। भारत के लिए जीने के लिए काम कर रही छात्र शक्ति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद है। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने कहा कि अगर कृषि नीति सही थी तो किसान आत्महत्या व कर्ज माफी के लिए क्यों गुहार लगाते रहे हैं। कृषि बिलों से किसानों का भाग्य उदय जरूर होगा। इसी से भारत का उदय संभव है, भ्रम पैदा करने वालों से बचना होगा।

शिक्षा, रोजगार व कृषि पर भी बोले वक्ता

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संदठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि पहले की सरकारों की खराब शिक्षा नीति से देश प्रगति नही कर सका। अब 73 साल बाद ऐसी शिक्षा नीति आई है कि भारत उदय होने वाला है। पश्चिमी शिक्षा के बजाय शोध पर ज्यादा फोकस रखा है। नई शिक्षा नीति में हर भारतीय भाषों को सम्मान दिया गया है। मातृ भाषा में शिक्षा मिलेगी तो भारत का सांस्कृतिक सम्मान वापस लौटेगा। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। आने वाला समय भारत का है। दुनिया को शक्ति का अहसास कराओ। उन्होंने ने कहा कि समय बदल गया है। अब भारत के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनेंगे। क्योंकि जो नई शिक्षा नीति आई है। उसमें शोध को ज्यादा तवज्जो मिली है। शोध बढ़ेगा तो उद्योग पनपेगा। गांवो तक कारखाने खुलेंगे। युवा इस नीति का फायदा उठाए। गांवों में कारखाने खुलेंगे तो उन्हें वहीं रोजगार मिलने लग जाएगा। उन्हें शहरों की तरफ नही जाना पड़ेगा। शहरों में क्राइम कम होगा। कोरोना काल में जो मजदूरों की दशा हुई, वो दोबारा देखने को नही मिलेगी। मजदूरों की यह यह दशा पूर्ववर्ती सरकारों की गलत नीतियों के चलते हुई। आकांत ने कहा कि शुरुआती सरकारों ने किसान हित की नीतियां नही बनाई। इसलिए आज खेती की दुर्दशा है। नीतियां अगर सही बनती तो किसान आत्महत्या नहीं करता। अब जाकर किसानों की हित में नीतियां बनी है। किसानों को छूट दी गई है कि वह देश में कही भी जाकर अपनी उपज बेच सकता है। किसानों को चाहिए कि वे नीतियों को समझे। आज देश में किसान नीति को लेकर भम्र फैलाया जा रहा है। इसके पीछे स्वार्थी लोग है। जो देश की प्रगति के लिए रोड़ा बने हुए हैं।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ रैवासा पीठाधीश्वर डॉ. राघवाचार्य वेदांती महाराज, स्वागत समिति अध्यक्ष रामेश्वर रणवा, परिषद के प्रांत अध्यक्ष डॉ. हेमंत महावर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कोरोना गाइडलाइन की पालना में अधिवेशन में 22 जिलों के 200 चयनित कार्यकर्ता शामिल हुए। अधिवेशन में सांसद सुमेधानंद सरस्वती, जिला प्रमुख गायत्री कंवर, एबीवीपी के प्रान्त उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश चौधरी, संगठन मंत्री अर्जुन तिवाड़ी, विभाग प्रचारक उत्कर्ष भारतीय सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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