अहमदाबाद बम विस्फोट शृंखला प्रकरण में 49 दोषी
- अहमदाबाद बम विस्फोट शृंखला प्रकरण में 49 दोषी
- स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का आतंकी सफदर नागौरी भी सम्मिलित
अहमदाबाद बम विस्फोट शृंखला (सीरियल ब्लास्ट) प्रकरण में विशेष न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए 77 आरोपियों में से 49 को दोषी माना है तथा 28 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने इस मामले में 8 फरवरी, मंगलवार को निर्णय सुनाया। 13 वर्षों से अधिक चली लंबी सुनवाई में 1100 गवाहों के वक्तव्य लिए गए।
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद नगर पालिका क्षेत्र एक घंटे में 21 बम विस्फोटों से लहूलुहान हो गया था, जिसमें 56 व्यक्ति मारे गए थे तथा 200 से अधिक घायल हो गए थे। इसके साथ ही सूरत में विभिन्न स्थानों पर बम मिले थे। इसके बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों की तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया। 28 जुलाई को गुजरात पुलिस का विशेष दल बनाया गया तथा 19 दिन में 30 आतंकियों को पकड़ लिया गया था।
अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन ने जयपुर तथा वाराणसी में भी धमाके किए थे। 13 मई 2008 का वह मर्मांतक दृश्य अब भी जयपुर नहीं भूला है जब 8 धमाके करके आतंकियों ने 71 से अधिक व्यक्तियों को एकाएक मार डाला था तथा 176 लोग घायल हो गए थे। इस प्रकरण में एटीएस ने 11 आरोपियों को चिह्नित किया था जिसमें से पांच को एटीएस राजस्थान, दो को हैदराबाद पुलिस, एक को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ा था। न्यायालय ने पांच में से 4 आतंकियों- मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान व सलमान को मृत्युदंड दिया था। साक्ष्यों के अभाव में शाहबाज हुसैन बरी हो गया।
प्रकरण में आतंकियों को दंडित करने वाले न्यायाधीश (अब सेवानिवृत्त) को गंभीर धमकियाँ मिलने लगी थीं। उन्हें तत्कालीन डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी व परिवार की सुरक्षा के विषय में शिकायत करनी पड़ी थी।
2008 से लेकर अब तक 13 से अधिक वर्षों में अपने परिजनों खो चुके जयपुरवासियों की पीड़ा अब भी जस की तस है। यद्यपि दोषियों को मृत्युदंड सुना दिया गया है, किंतु अभी तक इनकी फांसी नही हो पाई है। ऐसे में जयपुर बम धमाकों के पीड़ित इसे अधूरा न्याय बताते हैं।