आत्मनिर्भरता से ही भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकता है – डॉ. अतुल कोठारी

आत्मनिर्भरता से ही भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकता है - डॉ. अतुल कोठारी

आत्मनिर्भरता से ही भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकता है - डॉ. अतुल कोठारीआत्मनिर्भरता से ही भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकता है – डॉ. अतुल कोठारी

श्री अग्रवाल शिक्षा समिति जयपुर तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को आयोजित ज्ञानोत्सव कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. अतुल भाई कोठारी ने कहा कि किसी भी देश का विकास वहां की शिक्षा पर निर्भर करता है। देश के विकास की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। दूसरे देशों पर निर्भर होकर कोई राष्ट्र महान नहीं बन सकता। सभी विश्वविद्यालयों को ऐसे पाठ्यक्रम बनाने चाहिए, जो छात्रों को आत्मनिर्भर बनाएं। हमें नौकर बनने वाली शिक्षा नहीं, नौकरी देने वाले खड़े हों ऐसी शिक्षा चाहिए। आयोजन की अध्यक्षता रवि अय्यर (प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. राजेश कुमार वर्मा (संयुक्त सचिव यूजीसी नई दिल्ली) उपस्थित रहे। श्री अग्रवाल शिक्षा समिति के महासचिव नरेश सिंघल ने एक उदाहरण देते हुए छात्रों को मेहनत द्वारा जीवन के वंचित लक्ष्य को प्राप्त करने का संदेश दिया। शिक्षा की स्वायत्तता विषय के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलो। आज की शिक्षा तनाव, अशांति तथा कुंठा उत्पन्न करती है। हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जो जीवन में आनंद लाने वाली हो। अग्रवाल पीजी महाविद्यालय के सचिव अशोक गोयल ने सभी अतिथियों को आभार ज्ञापित किया।

दिन भर चले ज्ञानोत्सव कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में विश्वविद्यालय के 6 कुलपतियों, अनेक शिक्षाविदों तथा शिक्षण संस्थानों के प्रधानों ने भाग लिया। 500 से अधिक शिक्षाविदों एवं छात्रों द्वारा की गई चर्चा में उपस्थित कुलपतियों एवं अतिथियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा तथा आत्मनिर्भर भारत पर बल दिया और बताया कि उनके विश्वविद्यालय में ऐसे पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं, जिनके अध्ययन के बाद छात्र स्वयं का उद्योग, व्यापार प्रारंभ कर सकें। भारतीय ज्ञान परंपरा ही भारत को दुनिया का विकसित राष्ट्र बना सकती है।

आयोजन के समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल मुख्य वक्ता रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा में आधुनिक वैज्ञानिक परंपराओं तथा विकास को आत्मसात करने की क्षमता है। प्राचीन भारत इसी ज्ञान के कारण समृद्ध तथा विश्व गुरु था। भारत को निश्चित ही विश्व के कल्याण के लिए खड़ा होना होगा। अग्रसेन सिविल सर्विसेज अकेडमी के सचिव अरविंद अग्रवाल ने समिति का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि श्री अग्रवाल शिक्षा समिति सदैव शिक्षा के क्षेत्र में निस्वार्थ कार्य कर रही है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रद्युम्न सिंह ने आश्वासन दिया कि महाविद्यालय राष्ट्र निर्माण में इसी तरह अपना दायित्व निभाता रहेगा ।

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