हमारे देश का नाम भारत है इंडिया नहीं- डॉ. भागवत

हमारे देश का नाम भारत है इंडिया नहीं- डॉ. भागवत

हमारे देश का नाम भारत है इंडिया नहीं- डॉ. भागवतहमारे देश का नाम भारत है इंडिया नहीं- डॉ. भागवत

गुवाहाटी, 3 सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत शनिवार को सकल जैन समाज के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुवाहाटी पहुंचे। कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि हमारे देश का नाम भारत है इंडिया नहीं। भारत के लोगों को इंडिया के स्थान पर भारत शब्द का प्रयोग करना चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान एक हिन्दू राष्ट्र है, सभी भारतीय हिन्दू हैं और सभी भारतीय हिन्दुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिन्दू संस्कृति, हिन्दू पूर्वजों और हिन्दू भूमि से संबंधित हैं, इसके अतिरिक्त और कुछ भी नहीं।

डॉ. भागवत ने कहा कि जो विशेष नाम होते हैं उनका भाषांतर नहीं किया जा सकता, विश्व में ऐसा कहीं नहीं है। हमारे भारत देश का नाम सदियों से भारत है। अतः हमें भारत शब्द का ही उपयोग करना चाहिए। बोलने में, कहने में, लिखने में सर्वत्र भारत ही होना चाहिए। उन्होंने कहा, किसी को समझ में नहीं आए चिंता ना करें। उसकी आवश्यकता होगी तो समझ लेगा। हमें आवश्यकता नहीं है, उसको समझाने की। हम अपने आप में स्वतंत्र और समर्थ हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सभी को एकजुट करता है। आज विश्व को हमारी आवश्यकता है।अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदल दिया था। नई शिक्षा नीति बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ाने का एक प्रयास है। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और पारिवारिक मूल्यों से अवगत कराने का भी आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि वह सितंबर के अंतिम सप्ताह में एक कार्य दिवस को ‘अंतरराष्ट्रीय क्षमा दिवस’ के रूप में मनाने के लिए सरकार से कहेंगे।

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